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370 / Jijrasa
25. ऋग्वेद 8.1.34
26 ऋग्वेद 5.87.1-27; खिलसूक्त का श्रीसूक्त
27. ऋग्वेद 8.51.1-7
28. ऋग्वेद 10.189.1-5
29. ऋग्वेद 10.125.1-8
30. ऋग्वेद 10.151.1-5
31. ऋग्वेद 10.151.1-10 के बाद के खिल, मेधासूक्त की ऋषि ।
32. ऋग्वेद 10.107.1-11
33. ऋग्वेद 10.127.1-8
34. ऋग्वेद 10.85.1-47
35. ऋग्वेद 9.86.11-20
36. ऋग्वेद 9.104.1-6
37. ऋग्वेद 10.28.1
38. ऋग्वेद 10.85.3, यं सोमं ब्रह्मण: विदुः ।
39. ऋग्वेद 10-85-16, द्वे ते चक्रे सूर्ये ब्राह्मण ऋतुथा विदुः ।
40. ऋग्वेद 10.125.5, यं कामये तं तमुग्रं कृणोमि । तं ब्रह्माणं तमृषिं तं सुमेधाम् ।।
41. ऋग्वेद 10.82.29
42. ऋग्वेद 10.109.3
43. वेद 8.80.5, राष्ट्रं गुपितं क्षत्रियस्य ।
44. ऋग्वेद 10.59.14
45. ऋग्वेद 10.109.5
46. ऋग्वेद 10.85.24
47. ऋग्वेद 1.126.6
48. ऋग्वेद 1.179.3
49. ऋग्वेद 1.179.6
50. ऋग्वेद 8.1.34
51. ऋग्वेद 10.85.27
52. ऋग्वेद 10.85.35
53. ऋग्वेद 10.86.6
54. ऋग्वेद 10.159.53
55. ऋत्वेद 10.145.4
56. ऋग्वेद 10.40.6
57. ऋग्वेद 10.10.1-14
58. ऋग्वेद 10.159.6
59. ऋग्वेद 10.39.14
60. ऋग्वेद 10.40.2
61. अथर्ववेद 6.135.4
62. ऋग्वेद 10.109.4
63. ऋग्वेद 1.117.24