________________ जैनचरितमाला। इसमें जैनाचार्योंके बनाये अच्छे संस्कृत ग्रन्थ हिन्दी भाषामें अनुवाद कराकर प्रकाशित किये जाते हैं। आठ आने प्रवेश फी जमा कराके स्थायी ग्राहक होनेवालेको इसके सब ग्रन्थ पौनी कीमत में दिये जाते हैं। ग्रन्थ तैयार होते ही स्थाई ग्राहकोंको वी०पी० से भेज दिये जाते हैं। अबतक इसमें निम्न ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं: नेमि-पुराण। ___ इसमें बावीसवें तीर्थङ्कर नेमिनाथ भगवान्का पवित्र चरित्र और राजकुमारी राजीमतीकी करुण-कथा बड़ी सुन्दरतासे लिखी गई है। पढ़ते पढ़ते हृदय भर आता है। प्रसङ्गवश इसमें कृष्ण और उनके वीर-पुत्र प्रद्युम्न कुमारका भी सुन्दर चरित्र लिख दिया गया है। एकवार पढ़ना आरंभ करनेपर फिर पूरा किये बिना छोड़नेको मन नहीं चाहता। संस्कृत भाषासे हिन्दीमें बड़ा सरल अनुवाद हुआ है। कीमत सादी जिल्द दो रुपया। पक्की कपड़ेकी सवा दो रुपया। सुदर्शन-चरित। 'शील ' पालनेवालोंमें सुदर्शनका नाम विशेष उल्लेख योग्य है। सुदर्शन बड़ा ही दृढ़ निश्चयी था। कामी स्त्रियोंने उसपर बड़े बड़े घोर उपसर्ग किये, पर सुदर्शन उनसे विल्कुल न डिगा / शीलके प्रभावसे, उसपर किया गया तलवारका वार मोतियोंका हार बन गया। देवतोंने उसको पूजा। शील धर्ममें दृढ़ करनेके लिए सुदर्शनचरित बड़ा उत्तम ग्रन्थ है / संस्कृत परसे नया ही अनुवाद करके छपाया गया है / कीमत नौ आने /