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________________ ११२ 1 वालुय-रेहा-सरिसो मास-चउक्केण कोह-परिणामो । मरिऊण काउ-लेसो पुरिसो मणुयत्तणमुवेइ ।। 3 जल-रेहा-सारिच्छा पुरिसा कोहेण तेउ-लेस्साए । मरिऊण पक्ख-मेत्ते अह ते देवत्तणमुवेंति ।। 5 माणो वि चउ-वियप्पो जिणेहिँ समयम्मि णवर पण्णविओ । णामेहि पुव्व-भणिओ जं णाणत्तं तयं सुणह ।। 7 ण णमइ सेलत्थंभो ईसिं पुण णमइ अत्थिओ थंभो । कह-कह वि दारु-घडिओ सवसो च्चिय होइ वेत्तमओ ।। 9 सेलत्थंभ-सरिच्छेण णवर मरिऊण वच्चए णरए । किंचि पणामेण पुणो अट्ठिय-थंभेण तिरिएसु ।। 11 दारुय-थंभ-सरिच्छेण होइ माणेण मणुय-जम्मम्मि । देवत्तणम्मि वच्चइ वेत्तलओ णाम सम-माणो ।। 13 माया वि चउ-वियप्पा वंस-कुडंगी य मेंढग-विसाणा । धणुओरंप-सरिच्छा ईसिं वंकाउ गप्पडिया ।। 15 वंस-कुडंगो अइवंक-वलिय-समाओं अवस्स णरयम्मि । जाइ तिरिएसु णवरं मय-सिंग-समाएँ लेसाए ।। 17 धणुओरंप-सरिच्छो माया-बंधेहिँ होइ मणुयत्तं । होइ अवस्सं देवो ईसी-वंकाएँ मायाए ।। 19 लोहो वि चउ-वियप्पो किमि-राओ होइ णीलि-राओ य । कद्दम-राय-सरिच्छो होइ चउत्थो हलिद्दि व्व ।। 21 पढमेण होइ णरयं बीएण भणंति णवर तिरियत्तं । तइएण मणुय-जोणिं होइ चउत्थेण देवत्तं ।। 1) P सरिसा सास, P परिणामा. 2) P कोउलेसा, P मणुयत्तणे जंति ।. 3) J जलरेहासरिसो उण पुरिसा कोहेण तउ तेउ, P सारिच्छा कीलंतपणट्ठ कोवसब्भावो । मरिऊण तेउलेसा पुरिसा देवत्तणे जंति ।. 6) P नामेण for णामेहि, Jणाणं तं for णाणत्तं. 7) P उण for पुण. 10) P उणो for पुणो. 11) P दारुत्थंभ. 12) J सममाणे. 13) P मेढंगवसाणा. 14) P धणउरंवसरिच्छा ईसिं च काउ खप्पडिया, J सरिच्छो ईसी. 15) P अइवंगवलियओ वच्चइ अवस्स. 16) P जाति for जाइ, P संग for सिंग, P मायाए for लेसाए. 17) P धणउरंव, J मायाबद्धे उ होइ. 18) P ईसि. 20) J राइ for राय, P हलिद व्व. 21) J बितिएण for बीएण, P भवत्ति for भणंति. 22) P तइए माणुसजोणी.
SR No.022707
Book TitleKuvalaymala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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