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________________ [166] कुवलयमाला-कथा दोनों कुमार आनन्द से स्नान-भोजन करके आनन्द से बैठे। इतने में राजा की भेजी हुई प्रतीहारी आकर बोली-"कुमार! महाराज ने आपको कहलाया है कि कुवलयमाला के पाणिग्रहण के लिए ज्योतिषी ने मुहूर्त देखा परन्तु अभी सब ग्रहों के बलवाला मुहूर्त आता नहीं है। अतः आप अत्यन्त उत्सुक न होवें। अभी अपना घर समझकर यहीं रहिये और क्रीड़ा सुख का अनुभव कीजिये।" प्रतीहारी इस प्रकार कहकर चली गई। महेन्द्र ने कुमार से कहा “अभी विवाह में बहुत विलम्ब विदित होता है, इसलिए महाराज श्री दृढवर्म को आपके आने का समाचार पत्र द्वारा ज्ञात करा देता हूँ।" इतना कह कर महेन्द्र वहाँ से उठ खड़ा हुआ। कुमार ने अकेले में विचार किया-'मैं महाविषम मार्ग को लाँघ कर यहाँ आया, मुनिराज के उपदेश के अनुसार गाथा की पूर्ति भी की, फिर भी कुवलयमाला का समागम भाग्य के अधीन जान पड़ता है। मेरा भाग्य ऐसा नहीं मालूम होता कि उसे ब्याह सकूँ । परन्तु किस उपाय से मैं उसे दूसरी बार देख सकता हूँ। यदि स्त्री का भेष बनाकर किसी दासी के साथ उसके अन्तःपुर में जाऊँ तो वह सत्पुरुष के आचार योग्य नहीं और यह राजविरुद्ध भी है। जिसके भुज-दण्ड में असाधारण शक्ति की व्यक्ति है, वह लोक निन्दनीय स्त्री के वेष को कैसे धारण करेगा? यदि उसकी सखियों से इशारा करके उसका हरण कर ले जाऊँ तो वह भी कुलीन पुरुष के योग्य नहीं हैं।' कुमार इस प्रकार विचार कर ही रहा था कि इतने में महेन्द्रकुमार वहाँ आया और उससे बोला-"तुम्हारे यहाँ आने तक का सारा हाल मैंने पिता जी (दृढवर्मा) को लिख दिया है, परन्तु इस समय तुम्हारा मन उदास क्यों है?" कुवलयचन्द्रकुमार- पिताजी को समाचार भेज दिये यह आपने बहुत अच्छा किया है। यह विचार आने से मेरे मन में खेद हुआ कि इतने दूर देश आने पर भी राजा विजयसेन अपनी पुत्री मुझे ब्याहेंगे या नहीं? महेन्द्र- तुमने जो विचार किया है। बिल्कुल मिथ्या है, क्योंकि तुम कुल, शौर्य, लावण्य, अनुपम रूप, यौवन, विज्ञान और कला के भण्डार हो। तुम्हारे जैसा कोई दूसरा वर ही नहीं मिल सकता, जिसे वे अपनी लड़की ब्याहें। अतः इसका विवाह तुम्हारे ही साथ होगा। तृतीय प्रस्ताव
SR No.022701
Book TitleKuvalaymala Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar, Narayan Shastri
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2013
Total Pages234
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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