________________
जैन आयुर्वेद का इतिहास
अनुक्रमणिका
प्राध्याय 1. विषय-वेश
पृ. 1 25 1. जैनधर्म 2. जैन-प्रागम-साहित्य 3. प्रारणावाय (जैन-आयुर्वेद) की परम्परा 4. जैन आयुर्वेद-साहित्य
5. जैन आयुर्वेद का सांस्कृतिक योगदान अध्याय 2. जै? प्रागम-साहित्य में प्रायुर्वेद
पृ. 26-37 चिकित्सा, चिकित्सक, रोगोत्पत्ति और रोगज्ञान चिकित्साप्रयोग, विषचिकित्सा, शल्यचिकित्सा, मानसिक चिकित्सा, देवव्यपाश्रयचिकित्सा, आरोग्यशाला
अध्याय 3. प्रारणावाय-परम्परा के प्राचार्य और उनके ग्रन्थ पृ. 38-71
1. उग्रादित्याचार्य से पूर्ववर्ती प्राचार्य1 समंतभद्र
5 मेघनाद 2 पूज्यपाद .. . 6 सिंहनाद (सिद्धसेन) 3 पात्रकेसरि (पात्रस्वामी)- 7 दशरथमुनि 4 सिद्धसेन
___8 गोम्मटदेवमुनि 2. कल्याणकारक और उसका कर्ता उग्रादित्याचार्य