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________________ संदर्भ ग्रंथ सूची 191 14. जैन, राजाराम 15. जैन, अनेकान्त कुमार 16. तिवारी, मारूति नन्दन प्रसाद - शौरसेनी प्राकृत का उद्गम और जैन साहित्य को उसका अवदान; ऋषभ सौरभ, पृ. 107-124, दिल्ली, 1998 - राग को भी हिंसा मानते थे, महावीर, दैनिक जागरण, कानपुर, अप्रैल 2006 - सरस्वती इन इण्डियन आइक्नोग्राफी, भवन्स जर्नल, 1972 - ए ब्रीफ सर्वे ऑफ दि आइक्नोग्राफी डेटा ऐट कुंभारिया, नार्थ गुजरात, सम्बोधि, खं. 2, अं. 3, 1973 - ओसियां से प्राप्त जीवन्त स्वामी की अप्रकाशित मूर्तियाँ, विश्व भारती, खण्ड 14, अंक 3, 1973 -- आइक्नोग्राफी ऑव यक्षी सिद्धादियका जर्नल ऑव ऐशियाटिक सोसाइटी, खं. 15, अं. 1-4, 1973 - ऐन अनपब्लिश्ड जिन, इमेज इन दि भारत कला भवन, वाराणसी, विश्वेस्वरानन्द इण्डोलॉजिकल जर्नल, खं. 15, अं. 1-2, 1975 - भारत कला भवन का जैन पुरातत्व; अनेकान्त वर्ष, अं. 2, पृ. 51, 52, 58, जून 1971 - शूरसेन जनपद की जैन विरासत; ऋषभ सौरभ, पृ. 97-106, दिल्ली, 1998 - इम्पैक्ट ऑव जैनिज्म ऑन मथुरा आर्ट; जर्नल ऑव यू.पी. हिस्टॉरिकल सोसायटी, खं. 10, भाग, 1, पृ. 7-12, 17. नागार्च, बिहारी लाल 18. निगम, एम. एल. 1961
SR No.022668
Book TitleShursen Janpad Me Jain Dharm Ka Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSangita Sinh
PublisherResearch India Press
Publication Year2014
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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