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________________ तिलकमञ्जरी में औचित्य 167 194 तिलकमञ्जरी में सहृदय को आनन्द प्रदान करने वाले सारयुक्त वाक्यों का बहुधा सन्निवेश हुआ है । हरिवाहन के मित्र राजकुमार कमलगुप्त द्वारा उक्त यह वाक्य ‘दुःखहेतुरनुरागः " सारसंग्रहौचित्य की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। वस्तुतः अनुराग या प्रीति ही सभी दुःखों का कारण है । यह अनुराग किसी वस्तु के प्रति हो अथवा पुरुष विशेष के प्रति, उसके दूर होने पर दुःख होता है। तिलकमञ्जरी का हरिवाहन के प्रति तथा हरिवाहन का तिलकमञ्जरी के प्रति अनुराग इसका उत्तम उदाहरण है। अपने प्रिय को समक्ष पाकर इन्हें अनिर्वचनीय सुख का अनुभव होता है। प्रिय का स्मरण व चिन्तन समस्त सुखों को देता है। इन्हें अपने प्रिय का वियोग असहनीय है। हरिवाहन के दुःख से तिलकमञ्जरी भी दुःख का अनुभाव करती है। लोक में यदि किसी बालक को कोई प्रिय खिलौना अन्य ले ले या वह टूट जाए तो उसे बहुत दुःख होता है। अतः कमलगुप्तोक्त यह कथन मानवीय चित्तवृति को साररूप में प्रकट करता है तथा काव्य में सारसंग्रहौचित्य का निदर्शन करता है। $95 विद्याधर मुनि के दर्शनान्तर सम्राट् मेघवाहन का यह वाक्य 'प्रणामसमये च मूर्धानमधिरोपितेन प्रकृतिपूतेन निजपादपांसुना संपादितमखिलतीर्थस्नानफलम्' सारसंग्रहौचित्य की दृष्टि से विचारणीय है। मेघवाहन कहते है। कि प्रणाम के समय आपके चरणों में मस्तक रखने से स्वभावतः विशुद्ध आपकी चरणरज से मुझे सभी तीर्थों में स्नान का फल मिल गया है। वस्तुतः मुनिजन अत्यधिक तेजस्वी होते हैं। वे तपों को तपकर अनेक लोक-कल्याणकारी शक्तियों को अर्जित कर लेते हैं। वे शारीरिक व मानसिक रूप से पूर्णतः पवित्र तथा पुण्य शरीरशाली होते हैं। उनके दर्शन मात्र से ही सामान्य जन के दुःख दूर हो जाते हैं है। तथा दुरित शान्त हो जाते है। अतः मेघवाहन का यह कथन सर्वथा उपयुक्त सज्जन स्वयं एक तीर्थ ही होते हैं। उनके चरण जिस स्थान पर पड़ते हैं वह स्थान पवित्र हो जाता है। इस प्रकार मेघवाहनोक्त यह वाक्य साररूप में सज्जनों व मुनियों को संगति की महत्ता को सुतरां अभिव्यक्त कर रहा है। अतः यहाँ सारसंग्रहौचित्य है। 94. 95. ति. म., पृ. 11 वही, पृ. 26
SR No.022664
Book TitleTilakmanjari Me Kavya Saundarya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Garg
PublisherBharatiya Vidya Prakashan2017
Publication Year2004
Total Pages272
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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