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________________ 78 तिलकमञ्जरी में काव्य सौन्दर्य समरकेतु यह सिंहल द्वीप के सम्राट चन्द्रकेतु का पुत्र है। यह अत्यधिक वीर और पराक्रमी है। इसके शत्रु भी इसके पराक्रम का लोहा मानते हैं। इसका शारीरिक सौष्ठव और व्यक्तित्व इतना आकर्षक है कि मलयसुन्दरी इसे देखते ही काम के वशीभूत हो जाती है। पूर्वजन्म में यह देवलोक वासी था। इसका नाम सुमाली था और यह ज्वलनप्रभ (वर्तमान जन्म में हरिवाहन) का सच्चा सुहद् था। इस जन्म में भी परिस्थितियाँ इन्हें पुनः मित्र बना देती है। इस कथा में इसे पताका नायक का स्थान प्राप्त है क्योंकि इसका प्रसङ्ग प्रधान इतिवृत्त अर्थात् हरिवाहन के प्रसङ्ग के साथ दूर तक चलता है और अन्त में हरिवाहन को फल की प्राप्ति के साथ ही इसके प्रयोजन की सिद्धि भी हो जाती है।" अद्वितीय योद्धा : समरकेतु पराक्रमी युवक है। इसने बाल्यवस्था में ही बाण, खड़, गदा, चक्र, माला आदि अस्त्रों को चलाने में प्रवीणता प्राप्त कर ली थी।" इसके इसी पराक्रम के कारण इसे तरुणावस्था में ही युवराज बना दिया गया था।" इसके पिता चंद्रकेतु सुवेल पर्वतवासी दुष्ट सामन्तों का दमन करने हेतु इसे दक्षिणापथ भेजते है। वहाँ यह बड़े पराक्रम दुष्ट सामंतों का दमन करता है। इसने अपने अतुलनीय शौर्य और पराक्रम से वज्रायुध जैसे वीर सेनापति को भी असहाय कर दिया था। यह धनुर्विद्या में भी सिद्धहस्त है। इसकी बाण-वर्षा से वज्रायुध जैसे धनुर्विद्या विशेषज्ञ के प्राण भी संकट में पड़ गए थे। इसके रणकौशल और शौर्य को देखकर व्रजायुध का अभिमान नष्ट हो जाता है और वह भी समरकेतु के पराक्रम की उन्मुक्त कण्ठ से प्रशंसा करता है" तथा कौशल नरेश की सेना का अध्यक्ष पद स्वीकार करने की प्रार्थना करता है। यह यश को प्राणों से अधिक महत्त्व देता है। यह पराजय को सहन नहीं कर सकता। अंगुलियक के चमत्कार से 27. प्रासङ्गिक परार्थस्य स्वार्थो यस्य प्रसङ्गतः । सानुबन्धं पताकाख्य प्रकरी च प्रदेशभाक् ।। द. रू., 1/13 28. असिगदाचक्रकुन्तप्रासादिषु प्रहरणविशेषेषु कृतश्रमम् - ति. म., पृ. 114 महाबलतया बाल एवाधिगतयौवराज्याभिषेकः - वही, पृ. 95 30. वही, पृ. 89-91 31. वही, पृ. 97-98
SR No.022664
Book TitleTilakmanjari Me Kavya Saundarya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Garg
PublisherBharatiya Vidya Prakashan2017
Publication Year2004
Total Pages272
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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