________________
तिलकमंजरी का साहित्यिक अध्ययन
. 195
(17) चम्पक-134, 102, 159, 166, 165, 251, 247, 260 304, 271, 2971
(18) जपा-11, 37, 214 । रक्त पुष्प विशेष । (19) जाति-260। (20) मालती-3, 34, 56, 175, 198, 293,125, 297, 79,
3771 (21) तगर-211, पिण्डीतगर 3601
(22) तमाल-24, 105, 120, 126, 166, 168, 165, 250, 260, 212, 351, 354 । तापिच्छ 93 ।
(23) ताली-166, 165,211, 250 । (24) तिलक-102, 134, 161,166, 250, 262, 304,369. ' (25) धव-221, । घातकी 409 । एक प्रकार रक्त का पुष्प । (26) धूलीकदम्ब-105, 3951 (27) नमेरू-152, 211, 241। (28) नीप-211। कदम्ब-179, 217, 391. (29) पलाश-214, 257, । किंशुक-229, 292। रक्त पुष्प विशेष । (30) पाटल-160 । रक्त पुष्प विशेष । (31) पारिजात-देववृक्ष विशेष -54,57, 38, 100, 211, 217,
(32) बकुल-211, 135, 107, 297, 301, 324 । विलासिनी के मुख के मद के सेक से बकुल का विकसित होना माना गया है (विलासिनीवदनसरससेकविकासितबकुले 297 । अनाहितसरसगण्डूषसेकेषु बकुलखण्डेषु-301 ।
(33) बन्धुजीवक-37 (34) बन्धूक-रक्त पुष्प विशेष 107, 152, 215, 247 ।
(35) मन्दार-पंचदेववृक्षों में से एक । 54, 135, 152, 205, 211, 297, 405।
(36) मधूक (मधु)-211, महुआ पुष्प वृक्ष । (37) मुचुकुन्द-2971
(38) सप्तच्छद-शरदऋतु में खिलने वाला श्वेत पुष्प विशेष 6, 115, 211, 1831