________________
194
तिलकमंजरी, एक सांस्कृतिक अध्ययन
अशोक वृक्ष के सुन्दर स्त्री के पाद-प्रहार से कुसुमित होने की मान्यता है असंपातिपावप्रहतिदोहदेवशोकशाखिषु पृ. 301। रक्ताशोक-211,214,246,252 262,300,301
(6) उदुम्बर-गूलर वृक्ष 397 ।
(7) कमल-1,24,37, 54,162,177, 180,182,205,229,252, 266,301,324,256,390 । सरोज-6,11,76। पद्म-6,9,256, पंकज-7, 12,77,153,221,214,376 । पुष्कर-75,202 । उत्पल-107 । पुण्डरीक54,73,165 । अरविन्द-73 । सरसिज-232 । अम्बुज-:4। वारिरुह-162 जलरूह-359 । अम्भोज-166 । वारिज-3451 सरोरुह-254 । पंकेरह-209 । नलिन-248,296 । नीरज-256,387 । राजीव-207 । शतपत्र-251,228 161 । अम्भोरुह-7,261 । अब्जिनी-54,179,229 । अम्बुरूहिणी-66 । अम्भोजिनी-22,391। नलिनी-153,162,204,3801 कमलिनी-159,181, 205,311,338,385 । पद्मिनी-55,67,203,213 । सरोजिनी-368 । पूटकिनी-207,305, । विसिनी-17,418 । तामरस-58,101,264। रक्तोत्पल 18,204 । कोकनद-55 । कुवलय-100, 120,180,229,254,368 । इन्दीवर-174,198,204,248 । नीलोत्पल-37,232,253 ।
(8) कल्पवृक्ष-पंचदेववृक्षों में से एक । 41,42,57,152,153,169, 216,241,262,266,300,301,372 ।
(9) कणिकार-152,297 । कठचम्पा नामक पुष्प वृक्ष । (10) कांचनार-238,297,370 । (11) किंकिरात-297 (12) कुन्द-श्वेत पुष्प विशेष 113,153,371 ।
कुन्द पुष्प से श्वेतातपन की उपमा दी गई है। कुन्दधवलातपत्रिकाभि-.. 153 । स्मितकांति को कुन्द पुष्प के समान स्वच्छ कहा गया है ।-कुन्दनिर्मला ते स्मितद्युतिः 113 दन्तपत्र-161 ।
(13) कुटज-गिरिमल्लिका नामक सुगन्धित पुष्प 180, 370 । (14) कुरबक-297
(15) कुमुद-एक प्रकार का वेत पुष्प । 12, 69, 174, 253, 264, 92, 94,68, 180, 222, 229, 204, 205, 251, 319, 324, 338, 356, । कुमुदिनी-311, 368, 417, 419 । करव-198, 204, 205 ।
(16) केतक-34, 210, 251। केतकी-32, 179, 105, 304, । कण्टकित पुष्प विशेष केवड़ा ।