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________________ 196 तिलकमृजरी, एक सांस्कृतिक अध्यय (39) सन्तानक - 57, 152, 211, देववृक्ष विशेष (40) fargar-297 ( 41 ) शिरीष - 105, 106, 315, 338 । ( 42 ) हरिचन्दन - देववृक्ष विशेष 405 (43) रोध - 211 (44) farafa-52, 297 | वृक्ष (फल (फल) (1) श्रामलक - 67, 234 । आमलकीफल 43, आंवलों की उपमा मोटे-मोटे मोतियों से दी जाती है 43 | सिर में लगाया जाता था । 67 । तिरछे गिरे हुए आंवलों से वनभूमि तिलकित सी हो रही थी- निपतितमिरश्चीनामलक तिलकित क्षितित लामिः - 234 | 125, 255 । पके आंवला स्नानोपरान्त (2) आम्र - 97, 297 चूत - 77, 211, 215, 135, 163, 194 । 61, 106, 135, 261, 270, 297, 301, 370, 405 I (3) इक्षु - 15, 119, 304 गन्ना पुन्ड्रेक्षु - 40, 182, 304, विशेष प्रकार का गन्ना - ( 4 ) कवकोलक - 210 (5)-28, 106, 137, 212, 248, 276, 241, 260, 227, 305, 311 रम्भा - 9, 164, 213 । उरुदण्ड की उपमा रम्भा स्तम्भ से दी जाती है 164 । राजकदली-211। ( 6 ) कपित्थ - 305 | कैंथ नामक फल । (7) किपाक - एक प्रकार का विषैला फल । मलयसुन्दरी ने आत्महत्या करने के विचार से किपाक वृक्ष का फल खा लिया था 334 ( 8 ) जम्बीर - 211 । जम्बीरी नींबू ( 9 ) जल - जम्बू – 105, 151 ( 10 ) दाडिमी -- 211, 215, 238, 2370 कारक -- 211 ( 11 ) नाग--210, 370 ( 12 ) नारंग -- 210, 260, 305 + (13) नारिकेल - नारियल 211, 137, 305 ( 14 ) पनस - कटहल 137, 200, 211, 260 1
SR No.022662
Book TitleTilakmanjari Ek Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpa Gupta
PublisherPublication Scheme
Publication Year1988
Total Pages266
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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