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________________ 184 तिलकमंजरी, एक सांस्कृतिक अध्ययन शेखर का उल्लेख मिलता है । मेघवाहन ने मालतीमाला से ग्रथित शेखर लक्ष्मी की प्रतिमा को पहनाया था। ज्वलनप्रभ ने मन्दार की कलियों से दन्तुरित पारिजात पुष्पों का शेखर बांधा था। समरकेतु ने श्वेत पुष्पों का शेखर बांधा था।' मल्लिका की कलियों से बनाये गये शेखर का उल्लेख है। गन्धर्वक ने अपने केशों में विचकिल पुष्पों की माला बांधी थी। अन्यत्र सन्तानक. नमेरू तथा मन्दार के शेखरों का भी उल्लेख किया गया है । इन उल्लेखों से ज्ञात होता है कि बालों में पुष्प की माला सजावट करने का उन दिनों आम प्रचलन था । स्त्री तथा पुरुष दोनों बालों को पुष्पों से सजाते थे। अवतंस पुष्पों-पत्तों आदि को कान में पहनकर अवतंस बनाया जाता था । तिलकमंजरी में अनेक प्रकार के अवतंसों का उल्लेख है । लक्ष्मी को केतकी के पत्ते का अवतंस पहनाया गया था। अन्यत्र मंदारमंजरी के अवतंस का उल्लेख है। संहानक वृक्ष के प्रवाल के अवतंस का वर्णन किया गया है ।11 पल्लवावतंस के अन्य उल्लेख भी मिलते हैं। शैवल प्रवाल का भी अवतंस बनाकर कानों में 1. (क) मालतीमुकुलगण्डमालम् -वही पृ. 79 (ख) विकचमालतीदानचितशेखरो....... -वही पृ. 198 (ग) बाबढमालतीकुसुमशेखर....... -वही, पृ. 377 2. उदारमालतीदामग्रथितशेखराम् -वही पृ. 34 3. मन्दारकलिकाभिरन्तरान्तरा दन्तुरितेन"पारिजातकुसुमशेखरेण विराजमानम् -वही पृ. 38 4. सितकुसुमग्रथितशेखर.. वही पृ. 115 5. वही पृ. 105, 107, 178, 237 6. विचकिलमालभारिणा केशभारेण भ्राजमान........ वही पृ. 165 . 7. तिलकमंजरी, पृ. 152 8. वहीं, पृ. 6, 34, 37, 53, 54, 73, 107, 211, 228, 270, 233, __311,368 9. श्रवणशिखरावतंसितककेतकगर्भपत्राम, -वही, पृ. 34 10. मन्दारमन्जर्या समांश्रितकश्रवणाम्, -वही पृ. 54 11. अवतंसलालसभुजंग भामिनी.. -वही पृ. 211 12. आरोग्य विलासावतंस पल्लवं श्रवसि, -वही पृ. 228,270
SR No.022662
Book TitleTilakmanjari Ek Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpa Gupta
PublisherPublication Scheme
Publication Year1988
Total Pages266
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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