SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 87
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तीर्थङ्कर नेमिनाथ विषयक साहित्य ९७. नेमिनाथ रास ( कनक कीर्ति) इसमें रास शैली में नेमिनाथ के विवाह की घटना का चित्रण है । रचयिता : रचनाकाल प्रस्तुत रास के रचयिता खरतगच्छीय शाखा के नयकमल के शिष्य और जयमन्दिर के शिष्य कनककीर्ति ने नेमिनाथ रास की रचना १६३५ ई० में की थी । भाषा गुजराती प्रधान है। और इसकी प्रति विनयचन्द्र ज्ञान भण्डार जयपुर में उपलब्ध है । सत्रहवीं शताब्दी में ही कवि सिंहनन्दि विरचित “नेमीश्वर राजमती गीत” (गुटका नं० २६२ भट्टारकीय दिगम्बर जैन मन्दिर अजमेर) एवं “नेमीश्वर चौमासा ” तथा साधुकीर्ति रचित "नेमिस्तवन" एवं नेमिगीत का उल्लेख मिलता है । ९८. नेमिनाथ रास (भट्टारक वीरभद्र) नेमिनाथ की वैवाहिक घटना पर आधारित एक लघु कृति है । ७३ ९९. वीरविलास फाग (भट्टारक वीर भद्र) तीर्थङ्कर नेमिनाथ की जीवन घटना का वर्णन किया है। फाग में १३३ पद्य हैं। यह एक खण्डकाव्य है । रचयिता : रचनाकाल I 1 उपर्युक्त दोनों काव्यों के रचयिता भट्टारक वीरभद्र हैं । ये भट्टारक लक्ष्मीचन्द्र के शिष्य थे । जो व्याकरण एवं न्यायशास्त्र के प्रकाण्ड पण्डित थे । इनका संस्कृत, प्राकृत, गुजराती एवं राजस्थानी पर पूर्ण अधिकार था । ये १७ वीं शताब्दी के प्रतिभासम्पन्न विद्वान् हैं । नेमिनाथ रास काव्य की रचना सं० १६३३ (सन् १५७६) में की थी । १००. नेमिनाथ समवसरण ( वारिचन्द्र) यह दिगम्बर जैन खण्डेलवाल मन्दिर उदयपुर के शास्त्र भण्डार के गुटके में संग्रहीत है। रचयिता : रचनाकाल वारिचन्द्र विद्यानन्दि की परम्परा में होने वाले भट्टारक ज्ञानभूषण के प्रशिष्य एवं भट्टारक प्रभाचन्द्र के शिष्य थे । इनका रचना काल १७ वीं शताब्दी का है । १०१. नेमिराजुल गीत (हर्षकीर्ति) इसमें गीत शैली में नेमिनाथ एवं राजीमती का संवाद चित्रित है । १. द्रष्टव्य - डा० इन्दुराय जैन द्वारा लिखित "नेमिशीर्षक हिन्दी साहित्य", अनेकान्त, अक्तूबर-दिसम्बर १९८६, पृ० - १२ २. भट्टारक रत्नकीर्ति एवं कुमुदचन्द्र : व्यक्तित्व एवं कृतित्व पृ० - २४ ३. वही, पृ० - ३४
SR No.022661
Book TitleNemi Nirvanam Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAniruddhakumar Sharma
PublisherSanmati Prakashan
Publication Year1998
Total Pages252
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy