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कतिपय विशिष्ट साहित्यिक शब्द
३११ तनुत्र = कवच ८७४।१०० धुमणि = सूर्य
३।७।३३ तनूनपात् =अग्नि
१०।३६।१२३ द्विषण्मुहूर्त बारह मुहूर्त १५।७४।१८९ तपनीय = स्वर्ण
५।४३१५३ द्विसमुद्रायुः = दो सागरकी आयुवाला ३।४१।२६ तारकित = ताराओं से व्याप्त १।३११५ दोषा,दोष = रात्रि, दुर्गुण
५।१३।४८ ताकूक = याचक ८।३३।९३ दौ:स्थ्य = दुःख
१५।१।१७६ तालवृन्त = पङ्खा १७१७७।२४० धरणी = पृथिवी
६।५।६४ तुम्ब = चक्रका वह भाग जिसके आश्रय
धरणीध्रनाथ = विजयापर्वतका स्वामी अर रहते हैं
८/५८।९७ ज्वलनजटी विद्याधर
६।५।६४ तुहिनाचल = हिमालय
५।३९।५२
नन्दक = त्रिपृष्ठ नारायणकी तलवारका नाम त्रिगुप्ति = मनोगुप्ति, वचनगुप्ति, कायगुप्ति
८1८७११०२ १।३०।१३६ नभस्यवारिद = भाद्रमासका मेघ १६६४७।२२४ त्रिमार्ग = संगीत के तीन मार्ग द्रुत, नभःस्पृश् = विद्याधर
- ८।२२।९२ मध्य और विलम्बित १७७४।२३० नराधिराट् = मुकुटबद्ध राजा १४।२४।१७१ त्रिशल्य = माया,मिथ्यात्व और निदान ये तीन शल्य नवपलिताङ्कर-नवीन सफेद बाल १४।४०।१७३
नाक = स्वर्ग
१३।१।१५३ ३३८५।४३ नाग = हस्ती
३।३।२३ त्वक्सारगुल्म = बाँसकी झाड़ियाँ ९।२९।१०६
नागलता = पानकी वेल
१७।४।२२८ दक्षिणमातरिश्वा = मलयसमीर-दक्षिणकी वायु
निकार = पराभव
५।१९।४९ २२४७११९ निगम = नगर
११११०२ दण्ड = दण्ड, जुर्माना ५।१४।४८ निर्वृत्त = मुक्त जीव
१५।६।१७६ दवनिभ = दावानलके समान ११५६।१४० निशीथ = अर्धरात्रि
११३४।६ दशा = वत्ती
७।२९७९ निष्ठितजीव = जिसका जीवन समाप्त हो गया है दस्युवृन्द = डाँकुओंका दल ३॥३७२५
३।८८३० दिविज = देव ३७६।२९ पङ्क = कीचड़
१७।३।२२७ दिवौकस् = देव
१८२ पक्षान्वित = पलोंसे सहित, सहायकोंसे सहित दुरितखञ्जन = पापरूपी कीचड़ १११६७।१४१
६।६२।७३ दुरन्त = जिसका अन्त-परिणाम दुःखदायक है पञ्चगुरु = पञ्चपरमेष्ठी-अरहन्त, सिद्ध,
११।३६।१३७ आचार्य, उपाध्याय और साधु ११।४३।१३८ दर्नामक = अर्श-बवासीरकी बीमारी ७४५।८१ पञ्चता = मृत्यु
३१९४।३० दृष्टिमोह=दर्शनमोहनीय (मोहकर्मका एकभेद) पण्याङ्गनाजन = वेश्याओंका समूह ११५०८०
११।२४।१३५ पतदीशवाहिनीप्रमुख = गरुडवाहिनी आदि द्विज = ब्राह्मण ३।११११३२ विद्याएँ जिनमें प्रमुख हैं
७५७१८३ द्विज = दांत
३।२१।३० पद्म = चक्रवर्तीकी एक निधि १४।२५।१७१ द्विजिह्व = साँप
९।३६।१०७ पद्माप्रिय = पद्म-कमलोंका अप्रिय-विरोधी, द्विपारि = सिंह ११।२४।१३५ . पद्म-लक्ष्मीका प्रिय
५।२६।५० द्विरेफ = भ्रमर २।५।१३ पयोधर = मेघ
१२।३१।१४७