________________
३१०
वर्धमानचरितम् इरम्मद = वज्र
९७६।११२ केसरिद्विष = त्रिपृष्ठनारायण ८।१४८९ उत्तमाङ्ग = मस्तक ११५५।९ कोककुटुम्बिनी = चकवी
१॥३२॥६ उदवसित = घर
७।९६।८८ कौमुदी = त्रिपृष्ठनारायणकी गदा ८८७।१०२ उद्भीकृत = ऊपरकी ओर किये हुए ५।११।४८ कौस्तुभ = त्रिपृष्ठनारायणका प्रमुखरत्न ८१८७।१०२ उपकार्या = राजाओंके ठहरने योग्य बड़े तंबू ६।६७।७४ क्रोधशिखिन् = क्रोधरूपी अग्नि १६।४९।२२४ उपह्वर = एकान्त ७.११७५ क्रमेलक = ऊँट
७१७३८५ उपशल्य = गाँवोंका समीपवर्ती प्रदेश १।१०।२ क्षतज = रुधिर
१४१५०।१७५ उपहर = एकान्त
. १०६०।१२७ क्षमाधर = पर्वत, क्षमाको धारण उपस्नुता = दूध छोड़नेके लिए तत्पर २७१४ करनेवाला पुरुष
७१४१५८० उरगारिकेतन = गरुडध्वज-त्रिपृष्ठ नारायण खङ्गधेन = छुरी
९।३७।१०७ उष्ट्रिका = कड़ाहा कडाहा ११।१७।१३४ खरतर = अत्यन्त तीक्ष्ण
१११५५।१४४ ऊढजानि = विवाहित पुरुष १३।२८।१५८ खलता = खलिहान, दुर्जनता १७।३।२२७ ऐन्द्री = इन्द्रकी दिशा-पूर्व दिशा १३५४।१६२ गणक = ज्योतिषी
५।६११५५ और्वशिखी = बड़वानल ७.४३।८१ गव्या = धनुषकी डोरी
९।२३।१०५ कनकावली = एकतप १६।४६।२२४ गहालिन्दक = .
१।२५।५ कन्तु = कामदेव १२।२६।१४७ गो = वाणी
५७७१५७ कर्करी= झारी
७७६३८५ पाति
घातिचतुष्टय = ज्ञानावरण, दर्शनावरण, करपत्रक = करोंत
११०६८।१३४
___ मोह और अन्तराय कर्म १०१९०११३१ करभ = ऊँट
७।९६१८८
घनास्रपल = अत्यधिक रुधिरकी कीचड़ ९।२४।१०५ कलकण्ठ = सुरीले कण्ठवाले ३।२४।२४
चक्रीवत् = गधा
९।१११०२ कलमामोद = धानकी सुगन्ध
३२।२३
चतस्रोनरेन्द्रविद्या: = १ आन्वीक्षिकी, २ त्रयी, कलानिधि = कलानोंका भाण्डार ५।२११५०
३ वार्ता और ४ दण्डनीति ये चार विद्याएँ कादलपत्रनीला = केलाके पत्तोंके समान
१२।२१।१४६ नील-हरित वर्ण
चन्दनस्थासकवत् = चन्दनके मित्रक समान काल = चक्रवर्तीकी एकनिधि १४।२५।१७१
१२।३५।१४८ कार्तान्तिक = निमित्तज्ञानी ५।११३।६२ कुम्भ = हाथीका गण्डस्थल ९।१४।१०४
चमूरू = व्याघ्र
३७।३३ कुमुदाकरप्रिय = चन्द्रमा
५।३६५२ चारुकुज = सुन्दर वृक्ष २।५८०२० जयकदलिका = विजयपताका
११६८।१२ कुरुभूमिकल्प = देवकुरु, उत्तरकुरु नामक
जयगोमिनी = विजयलक्ष्मी
५।६६५६ उत्तम भोगभूमि के समान १२।१।१४३
जनान्त = देश
१३।१।१५३ कुलिशधर = वज्रधर-इन्द्र ९।९२।११५
जलधरपदवी = मेघमार्ग-आकाश १११५१११३९ कुल्या = नहर
१।१०।२ जिगीषा = जीतने की इच्छा
__ ५।२३।५० कुसुमोद्गम = वसन्तऋतु
५।५२।५४
तटपविसिकता = किनारे की वज्रमयधूलि कृतान्त = यमराज-मृत्यु
२।१५।१५ केसर = वकुलवृक्ष २!५१११९
१२।१२।१३३ केसर = सिंहकी गर्दनके बाल ३।१६।२४ तनीयसी = अन्यन्त अल्प
११।६०११४०
१।१६।३