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सन्धान-महाकाव्य : इतिहास एवं परम्परा कहारों के 'चौरसिया' नृत्य के रूप में आज भी सुरक्षित है। रामलीला तथा रासलीला को भी प्राचीन आख्यानक नृत्य-गीत का परिष्कृत अथवा अवशिष्ट रूप माना जा सकता है, क्योंकि भारत में रामायण और महाभारत की कथाओं का अभिनय करने की प्रथा बहुत पहले से विद्यमान रही है । पतञ्जलि तो महाभाष्य में स्पष्ट रूप से कहते हैं कि शौभिक लोग 'कंस-वध' और 'बलिबन्ध' के आख्यानों का प्रदर्शन करते थे। (३) लोकगाथा (Ballads)
लोकगाथा अंग्रेजी के बैलेड' शब्द का समानार्थी है । 'एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका' के अनुसार इंग्लैण्ड में बैलेड' उस काव्यरूप का नाम है, जिसमें सीधेसादे शब्दों में कोई सीधी, सरल कथा कही गयी हो ।२ प्रसिद्ध पाश्चात्य विद्वान् W.P. Ker के मतानुसार Ballad वह कथात्मक गेय काव्य है, जो या तो लोककण्ठ में ही उत्पन्न और विकसित होता है या लोकगाथा के सामान्य रूप-विधान को लेकर किसी विशेष कवि द्वारा रचा जाता है । इसमें गीतात्मकता (Lyrical quality) और कथात्मकता, दोनों होती हैं और इसका प्रचार जन-साधारण में मौखिक रूप में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में होता रहता है । Joseph T. Shipley of Dictionary of World Literary Terms के अनुसार Ballad शब्द का प्रयोग तीन अर्थों में होता है - (१) साहित्य के क्षेत्र
१. “ये तावदेते शौभिका नाम एते प्रत्यक्ष कंसं घातयन्ति प्रत्यक्षं च बलिं बन्धयन्तीति ।'
पातञ्जल महाभाष्य,सूत्र ३ ।१।२६ पर. २. The Ballad is a short narrative folk song. . . British
and American ballads are invariably rhymed and strophic." Encyclopaedia Britannica, Vol.2, Chicago, 1974, p.641. "Ballad” is here taken as meaning a lyrical narrative poem, either popular in its origin or using the common forms of popular poetry and fitted for oral circulation through the whole of a community. Ker, W.P. : Form
and Style in Poetry, London, 1966, p.3. ४. "Ballad has various meanings in literary or musical
usage. Its literary use is restricted primarily to short