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सन्धान-कवि धनञ्जय की काव्य-चेतना
में सीमित और विशिष्ट अर्थ में Ballad मुख्यत: एक लघु कथात्मक और प्रगीतात्मक काव्य का नाम है । (२) सामान्य अर्थ में इस शब्द का प्रयोग किसी भी ऐसे लघु गीत के लिए होता है, जो हमारी भावात्मक सत्ता का स्पर्श करता है । (३) संगीत के क्षेत्र में भी Ballad शब्द का प्रयोग होता है, जो एकाकी गद्य साहित्य या समवेत किसी भी प्रकार का होता है अथवा जो नृत्य के साथ गाया जाता है । इस प्रकार लोकगाथा मानव-समाज का आदिम साहित्यिक रूप है।
भारतीय महाकाव्य परम्परा के प्रारम्भिक उद्भव की दृष्टि से ऋग्वेद के कुछ संवाद-सूक्तों और नाराशंसी गाथाओं को प्राचीनतम लोकगाथा स्वीकार किया जा सकता है, जिनसे महाकाव्य की पृष्ठभूमि का निर्माण हुआ। यद्यपि संवाद-सूक्तों के कर्ता के रूप में विभिन्न ऋषियों का नाम दिया हुआ है, तथापि ऐसी मान्यता है कि जिस गोत्र के व्यक्ति उन सूक्तों को गाते थे, उन्होंने अपने पूर्वज ऋषियों के नाम उनके कर्ता के रूप में जोड़ दिये। जिन संवाद-सूक्तों को लोकगाथा के रूप में स्वीकार किया जा सकता है, उनमें यम-यमी सूक्त,२ पुरुरवोर्वशी सूक्त, अगस्त्यलोपामुद्रा सूक्त, इन्द्र-अदिति-वामदेव सूक्त,५ इन्द्र-इन्द्राणी-वृषाकपि
simple narratives told lyrically. Popularly, any short song that appeals to sentiment may be termed a ballad; . . . In musical nomenclature, a ballad may be solo, choaral or instrumental, a song of praise or blame, a dance song or merely something singable. Chopin, Liszt, Brahms wrote ballads or ballades for piano and orchestra". Shipley, Joseph T. : Dictionary of World Literary Terms, Boston, 1970, p.25. "The earliest poetry of all races---it is not altogether a conjecture-appears to have been the ballad-dance." Dixon, M. : English Epic and Heroic Poetry, London,
1912, p.28 २. ऋग्वेद,१०.१० ३. वही,१०.९५ ४. वही.१.१७९ ५. वही.४.१८