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________________ श्रीउत्तराध्ययन सूत्र 1 उक्कायमइगो, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखाईय, समयं गोयम ! मा पमायए || ६॥ ते उक्काय मइगो, उक्कोसं जीवो उ संवसे । [ ४६ कालं संखाईये, समयं गोयम ! मा पमायए ||७|| वाक्काय मइगो, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखाईये, समयं गायम ! मा पमायए ||८|| वणस्सइकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालमरणन्त दुरन्तयं, समयं गोयम ! मा पमायए ||९|| बेइ दियकायमइगओ, उक्कोसं जीवों उ संवसे । कालं संखिजसन्नियं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥१०॥ तेइंदिकायम गश्रो, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखिजसंन्नियं, समय गोयम ! मा पमायए ।। ११॥ चउरिंदियकाय मइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे ।
SR No.022602
Book TitleJivan Shreyaskar Pathmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKesharben Amrutlal Zaveri
PublisherKesharben Amrutlal Zaveri
Publication Year
Total Pages368
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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