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पचमोऽध्याय:
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प्रश्न
-भगवन्! परमाणु पुद्गल नित्य है अथवा अनित्य १
उत्तर - गौतम ! द्रव्यार्थिक नय से नित्य है तथा वर्ण पर्यायों से लेकर स्पर्श
पर्यायों तक की अपेक्षा अनित्य है ।
संगति – सूत्र में कहा है कि जो तद्भावरूप से अव्यय है सो ही नित्य है । सूत्र
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कार का आशय यहां द्रव्यों से है कि द्रव्य नित्य हैं। किन्तु आगमवाक्य ने द्रव्य के नित्य और अनित्य दोनों रूपों को स्पष्ट कर दिया है।
अर्पिताऽनर्पितसिद्धेः ।
५, ३२.
न जघन्यगुणानाम् ।
अप्पितणप्पिते ।
स्थानांग० स्थान १० सूत्र ७२७.
छाया - अर्पितानर्पिते । भाषा टीका
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- जिसको मुख्य करे सो अर्पित और जिसको गौण करे सो अनर्पित है । इन दोनों नयों से वस्तु की सिद्धि होती है।
स्निग्धरूक्षत्वाद्बन्धः ।
५, ३३.
५, ३४.
५, ३५.
गुणसाम्ये सदृशानाम् । द्वयधिकादिगुणानान्तु । बन्धेऽधिको पारिणामिकौ च ।
५, ३६.
५, ३७.
बंधणपरिणामे णं भंते! कतिविधे पगणते ? गोयमा ! दुविहे