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________________ ‘द्रव्य-गुएा-पर्यायनो रास' तथा 'द्रव्यानुयोगपरामर्श' व्याय्यामां वएर्शवेला पछार्थोनी याही • 147 (८) ऋजुसूत्रपर्यायार्थिकवाद ९५८-६३, ९६७-६८, ९७०-७३ (९) कालद्रव्यवाद १४९९-१५१२, १५१८-२२ (१०) कालपर्यायवाद १४८३-९७, १५१५-१७,१५२६-४४, १५७७-१६३२ १२८७-८८ ९६७ ३२५-३२८, ११८१ ११८७, ११९६ वसति लक्षण वसति सप्तभङ्गी वस्तु वस्त्रनिक्षेप वाक्य २९१,५४७,१२०७, १२६५, १६५३,१७२१,१७८१, १७८४, १७८७,१७९२,१९६६,२२३०-३२ वस्तुगत शुद्धव्यवहारनय देखिए नय ( नवविध ) व्यवहारनय (देवचन्द्रजी) (१) शुद्ध व्यवहारनय वस्तुता देखिए गुण प्रकार ( २ ) सामान्य गुण वस्तुप्रवृत्ति व्यवहारनय देखिए नय ( नवविध ) व्यवहारनय (देवचन्द्रजी - अन्यविध) (ii) प्रवृत्ति व्यवहारनय निक्षेप देखिए (१) प्रमाणवाक्य (२) नयवाक्य वाक्यभेद वाचक वाचिक मौन वाच्यार्थ वाद देखिए देखिए (१) अनित्यवाद (२) अभेदवाद (३) अभ्युच्चयवाद (४) अभ्युपगमवाद (५) असत्कार्यवाद लक्षण सप्तभङ्गी ५०५,५२१,५३३,५४१, ५५१,५६६, ६४५ ५३३, ५४७,५६७, ५७५ ५७६, ६४५ देखिए देखिए देखिए देखिए शब्द मौन अर्थ (दार्शनिक) (६) असत्ख्यातिवाद (७) ऋजुसूत्रद्रव्यार्थिकवाद दोष (दूषण) ३५१-३५३ (११) क्रमिकोपयोगद्वयवाद (१२) क्षणिकद्रव्यवाद (१३) ज्ञानाद्वैतवाद (१४) नित्यवाद (१५) नित्यानित्यवाद (१६) भेदवाद (१७) भेदाभेदवाद (१८) युगपदुपयोगद्वयवाद (१९) विशिष्टाद्वैतवाद (२०) शून्यवाद (२१) सत्कार्यवाद (२२) सदसत्कार्यवाद ३२०-३३७, ३४४-३४५ (२३) समुच्चयवाद २०७ वासना (१) कामवासना (२) देहवासना (३) लोकवासना (४) विकल्पवासना (५) शास्त्रवासना ३५०-३५१ ३५३-३५४ ३८२ ३८२-३८३ १२८८- ९० १११ ३८१ वासना संक्रम २०७ वास्य - वासकभाव संबंध २१२ विकलादेश (दिगंबर) २९९-३००,३१२- |विकलादेश (श्वेतांबर) ३१९,३४२-४५ | विकल्प दशा ३३७ विकल्प वासना ९५५-५७, विकल्प विश्रान्ति ९६३-६७,९६९ | विकल्पव्यसन ११९३-९५,१७६१ २९५-३००,३४२-३४५ देखिए देखिए देखिए देखिए देखिए २४४७ २४३५ २४३९ २४७० २४६४ १७५७ संबंध आदेश आदेश दशा वासना २४६७ देखिए दोष ( रत्नत्रयसंबंधी)
SR No.022378
Book TitleDravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherShreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
Publication Year2013
Total Pages432
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size74 MB
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