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● 'द्रव्य - गुएा-पर्यायनो रास' तथा 'द्रव्यानुयोगपरामर्श' व्यायामां वर्शवेला पहार्थोनी याही •
अनाभोगकरण
देखिए
अनालम्बन योग
अनाश्रव योग
अनावश्यक प्रवर्तन
अनिकाचित कर्म
अनित्यअशुद्ध पर्यायार्थिक
देखिए
देखिए
देखिए
देखिए कर्म
करण
(३) यथाप्रवृत्तकरण
योग ( अवशिष्ट)
योग ( अवशिष्ट)
दोष (दूषण )
देखिए नय
(नवविध) (२) पर्यायार्थिक
अनुगमशक्ति
देखिए
अनुत्पन्नत्व लक्षण देखिए अनुपचरित व्यवहार
देखिए
अनित्यता
(१) एकान्त अनित्यता ( निरन्वय नाश) १७४३, १७४६,१७५९,१७८१,१७८३, १७८४
(२) संसर्ग अनित्यता
१७४२
(३) प्रध्वंस अनित्यता
१७४२
(४) परिणाम अनित्यता
१७४२
(५) परिणामी अनित्यता ( सान्वय नाश) १७४३
अनित्य पर्याय
देखिए पर्याय ( प्रकीर्णक) अनित्यवाद देखिए अनित्यशुद्ध पर्यायार्थिक देखिए
अनित्य स्वभाव देखिए
अनियतपर्याय आरंभवाद देखिए अनिवृत्तिकरण देखिए अनिवृत्तिकरण लक्षण देखिए अनुगम विशेष संग्रहनय देखिए
वाद
नय (नवविध)
(२) पर्यायार्थिकनय
स्वभाव
(२) सामान्य स्वभाव आरंभवाद
करण
लक्षण
नय ( नवविध ) संग्रहनय (देवचन्द्रजी)
(देवचंद्रजीसम्मत)
अनुपचरित सद्भूत व्यवहारनय
देखिए नय (आध्यात्मिक) (२) व्यवहारनय
(I) सद्भूत व्यवहारनय दोष (रत्नत्रयसंबंधी)
दोष (दूषण)
अनुत्साह
अनुपपत्ति
अनुपलब्धि (२१ प्रकार )
अनुप्रेक्षावृष्टि अनुबंध
अनुयोग
देखिए
देखिए
(१) अकुशलानुबंध
(२) कुशलानुबंध
अनुबंधशुद्ध अनुष्ठान
अनुबंध शुद्धि
अनुभवउच्छेद
अनुभवन चेतना
(B) विशेषसंग्रहनय अनुशास्ति
शक्ति ( अर्थगत)
अनुष्ठान
लक्षण
व्यवहार
देखिए
देखिए
देखिए
देखिए
(१) अध्यात्म अनुयोग (२) गणितानुयोग (३) चरण-करणानुयोग (४) द्रव्यानुयोग (दशविध )
१०८२-८३
२५४६
२४३७, २४८१
२४२०, २५१३, २५३७
अनुष्ठान
शुद्धि
दोष (दूषण)
चेतना (चैतन्य)
(१) अननुष्ठान (२) अनुबंधशुद्ध अनुष्ठान
(३) अमृत अनुष्ठान (४) अशुद्ध अनुष्ठान
(श्वेतांबर सम्मत )
७
१२ ८
(५) द्रव्यानुयोग (सामान्यतः ) ८-११,२२-२४ (६) धर्मकथानुयोग (७) मातृकानुयोग
अनुयोगभेद (दिगंबरमत ) देखिए
८, १४-१७ २२५०
भेद (प्रकार) (२) अनुयोग भेद
अनुयोगभेद ( श्वेतांबरमत ) देखिए भेद (प्रकार)
८
१३८१
(२) अनुयोग भेद देखिए वैयावृत्त्य
२४८५-८६
२५४४
२४३२
२४८६