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प्रशमरति प्रकरण का समालोचनात्मक अध्ययन
84 96. विनयोज्ञानदर्शन .............. स च विनयो। वही, 9, का०169 की टीका, पृ० 116 97. सविनयः ज्ञानदर्शन वारित्रोपचार भेदः। वही, 9, का० 176, की टीका, पृ० 116 98. प्रशमरति प्रकरण, 9, का० 176 की टीका, पृ० 122 99. स्वाध्याय पंचथा-वाचना पृच्छना, अनुप्रेक्षा, आम्नायः धर्मोपदेशाय। वही, पृ० 122 100. प्रशमरति प्रकरण, 9, का० 176 की टीका, पृ० 122_ 101. ब्रह्म अब्रह्मणो ............. निवृत्तिरित्यर्थः। 102. दिव्यात्कामरति ............ तद्ब्रह्माष्टादश विकल्पम्। वही, 9, का० 177, पृ० ____1231 103. आकिंचनस्य भाव आकिंचन्यं निष्परिग्रहता। प्रशमरति प्रकरण, 8, का० 167, पृ०। 104. अध्यात्मविदो ........... परोधर्मः। वही, 9, का० 178, पृ० 123 105. वही, 9, का० 179, पृ० 124 106. वही, 9, का0 180, पृ० 124, 107. तत्वार्थसार, 4, श्लोक 60-61, पृ० 123-124 108. प्रशमरति प्रकरण, 5, का० 62 की टीका, पृ० 43 109. प्रमत्तयोगात् प्राणव्यपरोपणं प्राणबधः। वही, 5, का० 60, की टीका, पृ०421 110. प्रमादश्च ........... विकथाख्य पंचथा। वही, 8, का० 157, पृ० 108 111. वही, 5, का० 62 की टीका, पृ० 43 112. जिवावाक् सद्भूतनिहनवा .......कटुक पुरुष सावधादि। प्रशमरति प्रकरण, 9, का०
___ 174 की टीका, पृ० 120 113: अनृतभाषणं ............ इति लुब्धकायाचष्टे । वही, 5 का० 60 की टीका, पृ० 42 । 114. वही, 5, का० 62 की टीका, पृ० 43 115. चौर्यबुद्धया परस्वमात्मसात्करोति पर धन हरणम् । प्रशमरति प्रकरण, 5, का० 60 की
टीका, पृ०. 42 116. वही, 5, का० 62 की टीका, पृ० 43 117. मिथुनस्य भावो मैथुनं स्त्रीपुंनपुंसक वेदोदयादा सेवनम्। वही, 5, का० 60 की टीका,
पृ० 42 118. ममत्वलक्षणं परिग्रहः .......... मूळ परिग्रह इति। प्रशमरति प्रकरण, 5 का० 60 की
टीका, पृ० 42