SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 62
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - गाथा १९ मीना छुटा शब्दना अर्थ. थावर-स्थावर. भगियं-कह्यां छे. बि-इंद्रिय. मणुआ-मनुष्यो. तिसु-तेइंद्रियने विषे. चउदंसणिणो-चार दर्शनवाला. अचख्कु-अचक्षुदर्शन. सेसेसु-बाकीनाने विषे. चरिंदिसु-चौरिंद्रियने विषे. तिगं तिगं-त्रण त्रण (दर्शन.) तदुग्गं-ते बे. (चक्षु अने अचक्षु ) भणियं-कयां छे. मूए-मूत्रने विषे. विस्तारार्थः, (थावर बितिसु के० ) स्थावर वित्रिषु, एटले पृथ्व्यादिक पांच स्थावरना पांच दंगक तथा बेइंद्रियनो एक दंझक अनेत्रींद्रियनो एक दमक, एवं सात दमकने विषे एक (अचस्कु के०) अचकुः, ए. टले अचकुदर्शन होय, केमके एमां चरिंद्रिय नथी. तथा ( चरिंदिसु के० ) चतुरिंद्रियेषु, एटले चौरिंद्रियने विषे ( तत्रुगं के० ) तद्धिक, एटले एक चतु अने बीजं अचछु ए बे दर्शन ( सुए जणियं के० ) सुत्र नणितं, एटले सिद्धांतने विषे कह्यां बे, तथा (मणुया के०) मनुष्याः, एटले गर्नज मनुष्यनो एक दंगक एक चतु, बीजं अचकु, त्रीजु अवधि
SR No.022340
Book TitleDandak Tatha Laghu Sangrahani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year
Total Pages174
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy