SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 73
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ संस्कृत लोकप्रकाश का समीक्षात्मक अध्ययन | २६ | विजयदेवसूरि लेख | गुजराती ३४ गाथा | १७०५ स्तम्भतीर्थ | विज्ञप्तिपत्र | २७ | विजयदेवसूरि विज्ञप्ति | अर्थसंस्कृत |८२ पद्य - देवपत्तनया | विज्ञप्ति पत्र प्रभासपाटण| २८ | विजयदेवसूरि विज्ञप्ति | गुजराती विज्ञप्ति पत्र २६ | विनयविलास मिश्र हिन्दी | ३७ पद्य, लगभग अध्यात्म १७० गाथा | १७३० ३० | विहरमाण जिनवीसी | गुजराती |११६ गाथा स्तवना ३१ | वृषभतीर्थ पतिस्तवन | संस्कृत ६ पद्य स्तवना ३२ शान्तसुधारस २३४ पद्य, | १७२३ | गांधार अध्यात्म, १६ ३५० गाथा भावना विवरण ३३ शाश्वतजिनभास गुजराती पकड़ी कीर्तन/ स्तवना श्रीपालराजानो-रास | |७५० गाथा | १७३८ कथा जीवन-चरित्र ३५ | षट्त्रिंशज्जल्पसंग्रह- | संस्कृत वाद-विवाद संक्षेप ३६ | षडावश्यक स्तवन । गुजराती ४३ पद्य क्रिया विवरण ३७ । सीमंधरस्वामी नुं गुजराती ३ पद्य चैत्यवंदन चैत्यवंदन स्तवना ३८ । सूरति चैत्यपरिपाटी | गुजराती | १४ पद्य १६८६ सूरत इतिहास और भूगोल ३६ । हैमप्रकाश संस्कृत ३४००० १७३७ रतलाम व्याकरण ३४ । गुजराती ICII loc श्लोक ४० । हैमलघुप्रक्रिया संस्कृत परिमाण २५०० श्लोक परिमाण १७१० राधनपुर व्याकरण संदर्भ १. लोकप्रकाश के प्रत्येक सर्गान्त में। २. हैमलघुप्रक्रिया के सम्पादकीय में उद्धृत ३. हैमलघुप्रक्रिया, प्रशस्ति पाठ, पृष्ठ 414-415
SR No.022332
Book TitleLokprakash Ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemlata Jain
PublisherL D Institute of Indology
Publication Year2014
Total Pages422
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size36 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy