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________________ त्यारे बीजा नष्टबुद्धि मूर्खे घखाण करता करता पोतानी कथा कहेबी शरु करी ॥ २० ॥ ..... ।बीजा मूर्खनी कथा। . बीजा मूर्खे कयुं के मारे बे. स्त्रीओ हती. विधाताए सघळा कुरुप पुद्गलोने भेगा करीनेज जाणे आकनी डोडी जेवा होठवाळी ते ये स्त्रीओ मारे माटे बनावी हती. केमके-॥ २१ ॥ ते बहुज काळी, अने कोडा सेवा दांतवाळी हती. तेने लांबा पग, मोटी जांगो अने लांबुं नाक ह. अने तेनां सखत रुंबाटां दैत्योनी देवीना जेवां मोटां भयंकर हता ॥२२ ॥ ते भक्षण करवामां गधेडीने, अशुचि पदार्थ खावामां शूकरीने अने चपळतामां कागडीने जीतवावाळी, अने नठारुं भक्षण करवायी निंद्य ओडकार लेवावाळी हती. ॥ २३ ॥ ते बन्ने स्त्रीओ मारा उपर प्रीती राखवावाळी मने घणी प्यारी हती. तेमांथी एक तो मारो डाबो पग धोया करती हती, अने बीजी जमणो पग धोती हती ॥ २४ ॥ एकनुं नाम रुक्षी ( रिछणी ) अने बीजीनुं नाम खरी ( गधेडी) हतुं. ते बन्नेनी साथे निरंतर क्रिडा साथे रमतां मारो वखत सुखथी जतो हतो ॥ २५ ॥ एक दिवसे प्राणधी पण आतिशय प्यारी मारी रुक्षी नामनी • स्त्रीए प्रीतिपूर्वक मारो पग धोइने बीजा पग उपर राखी दीधो ॥ २६ ॥ ते खरीर जोइने तेज वखत एक मुसळावडे मोटो घा करीने मारो पग तोडी नांख्यो ॥२७॥त्यारे रुक्षीए खरीने कयुं के, आज तने आटलो बधो स्वार्थ थइ गयो छे के तुं आवी नीच क्रिया करवा लागी छे? ॥ २८ ॥ हे दुष्टणी गधेडाने गधेडी समान हजारो यारोने भोगवती भोगवती हवे पतिव्रता बनवा मांडे छे ! ॥ २९ ॥ आ प्रभाणे सांभळीने खरीए कह्यु के, हे कपटी! पोतानी
SR No.022328
Book TitleDharmpariksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorIshwarlal Karsandas Kapadia
PublisherMulchand Karsandas Kapadia
Publication Year1910
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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