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________________ १०३२) भाषा वर्गणा किसे कहते हैं ? उत्तर : जो वर्गणा शब्दरुप में परिणमित हो, उसे भाषा वर्गणा कहते हैं । १०३३) श्वासोच्छ्वास, मन तथा कार्मणवर्गणा किसे कहते हैं ? उत्तर : जो पुद्गल समूह श्वासोच्छ्वास, मन तथा कर्मरुप में परिणमित होते हैं, उन्हें श्वासोच्छ्वास, मन तथा कार्मण वर्गणा कहते हैं । १०३४) इन आठों वर्गणाओं में कितने स्पर्श हैं ? उत्तर : पहली चार वर्गणाओं में आठों ही स्पर्श होते है तथा ये दृष्टिगोचर होती है, इसलिये बादर परिणामी है। अन्तिम ४ वर्गणाएँ शीत-ऊष्ण-स्निग्ध रुक्ष, ये चार स्पर्शयुक्त ही है। १०३५) इन आठों वर्गणाओं के प्रदेश समान है या असमान ? उत्तर : ये आठों ही वर्गणाएँ अनुक्रम से अधिक-अधिक सूक्ष्म है तथा अनन्त अनन्त प्रदेशों में अधिक है परन्तु क्षेत्र अवगाहन (एक एक स्कन्ध के रहने का स्थान) अनुक्रम से अल्प अल्प है । जैसे औदारिक का एक स्कन्ध जितने क्षेत्र में समाता है, उसमें से असंख्यातवें भाग जितने (न्यून) क्षेत्र में वैक्रिय वर्गणा का एक स्कन्ध अवगाहन करता है । १०३६) रसबन्ध के कितने भेद हैं ? उत्तर : चार - (१) एक स्थानिक, (२) द्विस्थानिक, (३) त्रिस्थानिक, (४) चतुःस्थानिक। १०३७) एकस्थानिक रसबन्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : गन्ने या नीम के स्वाभाविक रस के समान कर्म का एक स्थानिक ___ रसबन्ध होता है। उसमें फल देने की शक्ति कम होती है। १०३८) द्विस्थानिक रसबन्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : गन्ने या नीम के रस को उबालकर आधा जलाने पर आधा शेष रहता है, उसके समान द्विस्थानिक रसबन्ध होता है। पहले से इसमें ज्यादा फल देने की शक्ति होती है। १०३९) त्रिस्थानिक रसबन्ध किसे कहते हैं ? उत्तर : गन्ने या नीम के रस को उबालकर २/३ भाग जलाने पर १/३ भाग - श्री नवतत्त्व प्रकरण ३३९
SR No.022327
Book TitleNavtattva Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNilanjanashreeji
PublisherRatanmalashree Prakashan
Publication Year
Total Pages400
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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