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________________ न हो सके, उसे समय कहते है, एक आवलिका के असंख्यातवें भाग को भी समय कहते है । ३८७ ) समय की सूक्ष्मता को समझाने के लिये उदाहरण दीजिये ? उत्तर : आंख मींच कर खोलने में असंख्यात समय व्यतीत हो जाते है । उन असंख्यात समयों की एक आवलिका होती है। ऐसी सूक्ष्म आवलिका में निगोद के जीवों का एक भव हो जाता है। समय की सूक्ष्मता को इस उदाहरण द्वारा भी समझ सकते है, जैसे- अति जीर्ण वस्त्र को त्वरा से फाडने पर एक तंतु से दूसरे तंतु को फटने में जो समय लगता है, वह भी असंख्य समय प्रमाण है । ३८८ ) पक्ष किसे कहते है ? उत्तर : पन्द्रह दिनों का एक पक्ष होता है । ३८९ ) पक्ष कितने प्रकार के होते हैं ? उत्तर : पक्ष दो प्रकार के होते हैं : (१) कृष्ण पक्ष (२) शुक्ल पक्ष । ३९० ) मास किसे कहते है ? उत्तर : २ पक्ष का अथवा ३० अहोरात्र का एक मास होता है । ३९१ ) अहोरात्र किसे कहते है ? उत्तर : दिन और रात को अहोरात्र कहते है । ३९२ ) एक अहोरात्र में कितनी घड़ी होती है ? उत्तर : एक अहोरात्र में साठ घडी (२४ घंटे या ३० मुहूर्त) होती है । ३९३) एक घडी का परिमाण कितना होता है ? उत्तर : एक घडी का परिमाण २४ मिनट होता है । ३९४ ) एक मुहूर्त में कितनी घडी होती है ? उत्तर : एक मुहूर्त्त में दो घडी होती है । ३९५ ) एक वर्ष में कितने मास होते हैं ? उत्तर : एक वर्ष में १२ मास होते हैं । ३९६ ) एक वर्ष में कितनी ऋतुएँ होती हैं ? उत्तर : एक वर्ष में छह ऋतुएँ होती हैं - १. हेमंत, २. शिशिर, ३. वसंत, ४. श्री नवतत्त्व प्रकरण २२३
SR No.022327
Book TitleNavtattva Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNilanjanashreeji
PublisherRatanmalashree Prakashan
Publication Year
Total Pages400
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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