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+ सिदान्तसार..
प्रणाम थाय, अने संयमथी, संवरथी तथा केवसी-पुरुप्या धर्मथा नष्ट थाय, एम कडं . तमे आखो दीवस आर्याने पासे लइने बेग रहो बो, वातो करो गे श्रने तेना सामुं जोया करो बो. हवे तमारी वाम शी रीते रेशे ? वली स्त्रीनो परिचय तो गम गम निषेध्यो . तमे उबा जिवितव्यने कारणे एटलां सूत्रनां वचन नथापीने, आर्यानी साथे विहार करीने, थार्यानो लाग्यो आहार पाणी लश्ने अने आर्यानो संस्तव परिचय करीने, जैन (धर्म) मार्ग केम खजावो बो?
हवे तेरापंथोनी नीत्य-पिंक लेवानी लीला कहीए बीए. वली सरस थाहरना जि, रसना लोलपी, पेहेले दोवसे तो घेरे वहोरे, मने बीजे दीवसे तेज श्रावकना हाटे तथा रस्तामां घृत, सुखमी प्रमुख रोजनां वोहोरी ले बे; पण सूत्रमा तो नित्य-पिंक लेवो गमगम वयों जे. हवे तमे नित्य नित्य केम वोहोरो डो? वली बीजा केटलाक संघामामां नित्य धोवण ले , ते बाबतमां तमे कहोबो के, सूत्रमा वा ते एक पण बोल सेवे तेमां साधपणुं नको. त्यारे तमे नित्यने नित्य सरस थाहार घर, हाट अने रस्तामां वोहोरो बो तेथी तमारुं साधपणं शीरीते रहेशे ?
तेवारे तेरापंथी कहे जे के " सूत्रमा तो एक घरनो नित्य लेवो बज्यों डे, पण पेहेले दीन जे घेरे वोहोर्यु ते धणीनुं बीजे दीवसे हाटमा तथा रस्तामां वोहोर क्या वज्यु ले ? तेनो उत्तर. हे देवानुमीय! कोइ मेला तथा फोजमां पाल (तंबु)मां रसोइ करे ले. कोश् उकानमां, को बत्रीमा तथा कोश् वृक्ष हे रसोइ करे बे. इत्यादिक ठेकाणाने घर तो न कहेवाय. हवे तमे कहोबो के, एक घरनुं नित्य वोहोवु वज्यु . त्यारे तमे पूर्वोक्त पाल प्रमुखमां नित्य केम नथी वोहोता ?
तेवारे तेरापंथी कहे जे के “ घरनुं का कारण नथी. ग्रहस्थ रहे तेज घर ले. जे जग्याए पेहेले दीवसे वोहोर्यु होय ते जग्याए बीजे दी. वसे वोहर नही; पण घर- केत्र अने हाट तथा रस्तानुं क्षेत्र जुदां बे.