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सिद्धान्तसार
ते
पेहेले दीसे घेरे वोहोरीए बीए ने बीजे दीवसे होट रतामां वोहोरीए बीए; केमके क्षेत्र जुदां वे तेथी अटकाव नदी. एक hani नित्य वोहोतुं नही. " एम कुयुक्ति लगावे बे. तेनो उत्तर. दे दे - वानुप्रीय ! एक बारणामां बीजे घेरे बीजे दीवसे वोहोरो के नही ? जो रसोमा, परसाल तथा उरमाने बीजुं क्षेत्र गणता हो तो, जे रसोमा प्रमुखमा पेले दीवसे वोहोर्यु दोय, तेज रसोमा प्रमुखमां बीजे दीवसे बीजानो कटोरदान पड्यो दोय ने स्नादिक वोहोरावे तो वोहोरो के नदी ते कहो.
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वारे तेरापंथ । कदे बे के " पहेले दीवसे वोहोर्यु दोय ते धणीनुं बीजे दीवसे न वोहोर, पण बीजा घणीनो माल होय तो तेज जग्यामां वोहोरानो टकाव नहीं ? " तेनो उत्तर. हे देवानुप्रीय ! तमे केहेता दता के एक क्षेत्रमां नित्यनुं न वोहोरयुं, त्यारे ए एक क्षेत्रमां केम वोहोरो ? तमे ए धणीनो माल टाल्यो के क्षेत्र टाल्युं ? तमे पेट जराइना वास्ते श्रणसमजु लोकोने घरनुं, हाटनुं श्रने रस्तानुं क्षेत्र जुडुं जुडुं केम कहो हो ? वली घरनुं अने दाटनं क्षेत्र जुडुं जुडुं कहीने नित्य वोहोरे छे, तेने पुढवुं के, बेतालीस दोषना द्रव्य, क्षेत्र, काल, नाव को नित्य - पिंमनो द्रव्य, क्षेत्र, काल, नाव कहो. दवे द्रव्यथकी तो चार आदार एक धणीना नित्य न लेवा क्षेत्र श्रकी क्यांय न लेवा, काल की नित्यना नित्य न लेवा, अने जावथकी उपयोग सहित त्रण करण अने त्रण योगे करीने लेवा. हवे तमे पेट जराइ ( वोहोरवा ) ने वास्ते घरनुं ने दाटनुं क्षेत्र जुडुं केम स्थापो बो? कारण के नित्य एक घरनुं वोहोरे तो दसवैकालोक सूत्रना त्रोजा अध्ययनमां त्रीजा अणाचारमां अणाचार | कह्यो बे, अने तेज सूत्रना बग अध्ययनमां अढार बोल माहेलो एक पण बोल सेवे तेने साधपणाथी चष्ट कह्यो बे.
मां तेरमा बोलमा नित्य एक चरना चार आहार ले तो तेने साधपपाथी ष्ट कह्यो बे. वली नपित सूत्रमा नित्यना चार आहार वोहोरे तो चोमासी प्रायश्चित कयुं बे. इत्यादिक सूत्रमां ठाम ठाम नित्यनुं