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( २६० ) चेष्टा द्वारा पण न देखाय, ते वस्तु नी सत्ता केम मनाय ? तेनो उत्तर छे के तमारू कथन बराबर छे. परन्तु जे वस्तु छे ते केवली भगवंत केवल-ज्ञान थी जाणे छे. केवली भगवंतो बीजा ना बोध माटे कहे छे. माटे तेम नुं वचन प्रमाण भूत मनाय छे. विवेचन:--औषधि, मंत्र, गुटिका अने अदृश्य थवाना अंजननी सिद्धि थवाथी परोक्ष वस्तुनी सिद्धि थाय छे. तेमज परोक्ष वस्तु नी सिद्धि थवाथी स्वर्ग अने परलोकनी पण सिद्धि थाय छे. प्रश्नछे के जे वस्तु अदृश्य थया बाद तेनी चेष्टा विगेरे पण न देखाय तो ते अदृश्य वस्तु केम मानी शकाय? तेना उत्तर मां जणावबानुं के तमारू कथन बराबर छे. परन्तु प्रा संसार मां जेटली वस्तुअोनी हयाती छे ते बधी वस्तुप्रो केवली भगवंतो केवल-ज्ञान थी जाणे छे. कारण के केवली भगवंतो द्वारा जे कहेवाय छे ते बीजाना ज्ञान माटे कहेवाय. माटे केवली भगवंत नुं वचन प्रमाण भूत मनाय छे.
त्वंपश्यलोकेऽपिजन चान्य-र्यज्ज्ञायते तत्किल दृश्यतेऽलम् । नैमित्तिकैरेव यथोपरागो, ग्रहोदयों गर्भधनागमादि ।२१ गाथार्थ :-तं जो; संसार मां पण जे वस्तु अन्य माणसो थी न जाणी शकाती होय ते वस्तु तेना जाणकार थी जाणी