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________________ २९४. २९५ विषय पृष्ठ । विषय पृष्ठ ५ विषयों का विपाक २२० १२ विहीकता जिनपालित की कथा २२१ दत्त का दृष्टांत ६ आरंभ वर्जन २२७ १३ अरक्तद्विष्टता २९८ स्वयंभूदत्त की कथा २२८ ताराचन्द्र की कथा २९९ ७ गृहषास की पाशता २३१ १४ मध्यस्थता ३०६ शिषकुमार की कथा २३२ __ प्रदेशी राजा की कथा ३०७ ८ दर्शन-आस्तिक्यभाष २३६, १५ धनादिक में असंबद्धता ३१९ अमरदत्त की कथा २३७ | नरसुदर राजा की कथा ३२० ९ गइरिका-परिहार २५० १६ परार्थ-कामभोग ३२५ कुरुचन्द्र राजा की कथा २५१/ पृथ्वीचन्द्र राजा का चरित्र १० आगम पुरस्सर क्रिया करना ३२५ १७ निराशंस गृहवास पालन - वरुण का दृष्टांत २७३ ३३५ ११ यथाशक्ति दानादिक धर्म सिद्धकुमार की कथा ३३६ उपसंहार और भाव साधु का चन्द्रोदर का दृष्टांत २७९ । प्रस्ताव ३३८
SR No.022138
Book TitleDharmratna Prakaran Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShantisuri, Labhsagar
PublisherAgamoddharak Granthmala
Publication Year
Total Pages350
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size21 MB
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