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________________ मोटा बासठिया. पोतपोताना अमजाप्तो ने प्रजाप्तो गुण० २ पहेला. जोग ४. २ उदारिकमा, १ कार्मणना, ने १ व्यवहार वचननो एवं ४. उपयोग इंद्रिय इंद्रियमां ५, २ ज्ञान, २ अज्ञान, ने १ अचक्षुदर्शन एवं ५ अने चउरिंद्रियमां ६ ते १ चक्षुदर्शन वध्युं एवं ६. लेशा ३. ६. पंचेंद्रिय जीवना भेद ४. संज्ञिना अप्रजाप्तो ने प्रजाप्तो, असंज्ञीना अप्रजाप्तो ने प्रजाप्तो एवं ४ गुण० १२ प्रथमना. जोग १५. उपयोग १० केवळज्ञान, केवलदर्शन. ए २ वर्ज्या. लेशा ६. ७० ७. अणिदियामां जीवना भेद १. संज्ञिना प्रजातो. गुणठाणा २ तेरमुं ने चउदमुं. जोग ७. २ मनना ते सत्य मन ने व्यवहार मन, २ वचनना ते सत्यवचन ने व्यवहारवचन एवं ४. अने उदारिक, उदारिकन मिश्र ने कार्मणकायजोग ए ७. उपयोग २. केवलज्ञान, केवलदर्शन. लेशा १ शुकल. एहनाअल्पबहुत्व सर्वथि थोडा पंचेंद्रिया, तेहथी चउरिंद्रिया विशेषाहिया, तेहथि तेइंद्रिया विशेषाहिया, तेहथी वे इंद्रिया विशेषाहिया, तेहथी अणिं दिया अनंतगुणा, तेहथि एकेंद्रिया अनंतगुणा, तेहथि सइंद्रिया विशेषाहिया. इति त्रिजेोद्वार समाप्तं. १. सकायामांजीवनाभेद १४. गुण०१३. जोग १४. उप० १२. लेशा६. ४. पृथ्वीकाय, अपकाय, वनस्पतिकाय ए ३ मां जीवना भेद ४. गुण० १. जोग ३. उप० ३. लेशा ४. ६. ते काय, वाकाय. ए २ मां जीवना भेद ४ गुण० १. जोग मां ३ नेवामां ५ ते. २ वैक्रेयना वध्या. उप० ३. लेशा ३. ७. ऋशकायमां जीवना भेद १० ते ४ एकेंद्रियना वर्ज्या. गुण० १४. जोग १५. उपयोग १२. लेशा ६. ८. अकायामां जीवना भेद नाथ. गुण० नथि. जोग नथि.
SR No.022129
Book TitleJain Siddhant Prakaran Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherAjramar Jain Vidyashala
Publication Year1928
Total Pages242
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size17 MB
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