SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 173
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तेर बोलनो योकडो. च्छर केटला ? अयन केटला ? रुतु केटली ? मास केटला ? पक्ष केटला ? अठवाडीयां केटला ? दिन केटला? पहोर केटला? मुहूर्त केटलां ? घडी केटली ? अने श्वासोश्वास केटला ? उत्तरः-सोवरसना वीस जुग थाय, सो वरसना सो संवच्छर थाय, बसें अयन थाय. रुतु छसो थाय. महीना बारसें थाय, पक्ष चोवीसें थाय, अठवाडीयां अडतालीसें थाय, दिवस छत्रीस हजार थाय, पहोर बे लाख ने अठ्यासी हजार थाय, मुहूर्त दश लाख ने ऐसी हजार थाय, घडो एकवीस लाख ने साठ हजार थाय, श्वासोश्वास चारसे ने सात क्रोड अडतालीस लाख चालीस हजार थाय. बीजे बोले एक दिवस शुद्ध समकित सहित रागद्वेषरहित क्षमादया सहित पोषो करे तो शुं फळ थाय ? उ०-सत्यावीसें सत्तोतेर क्रोड,सीतेर लाख,सित्तोतेर हजार सातसे सोत्तेर पल्योपम अनेएक पल्योपमना जव भाम करीए तेमांथी आठ भाग झाझेरानु शुभ देवतार्नु आउखु बांधे. त्रीजे बोले एक पहोरनो शुद्ध समकीत सहीत संवर करे तो तेनुं शुं फळ थाय ? उ०;-त्रणसें, छेतालीस करोड, बावीस हजार, बसें ने बावीस पल्योपम अने एक पल्योपमना आठ भाग करीए तेमांथी सात भाग झाझेरानु शुभ देवतार्नु आउखु बांधे. . चोथे बोले एक मुहूर्त शुद्ध समकीत सहीत सामायक करे तो तेनुं शुं फल थाय ? उ०;-बाणु करोड, ओगणसाठ लाख, पचीस हजार, नवसेंने पचीस पल्योपम अने एक पल्योपमना सात भाग करीए तेमांथी त्रण भाग झाझेरा शुभ देवतान.आउखु बांधे. पांचमे बोले एक घडीनो संवर करे तो शुं फळ थाय ? उ०;छेतालीस करोड, ओगणत्रीस लाख, बारहजार नवसेंने सडसठ पल्योपम अने एक पलना छ भाग करीए तेमांथी चार भाग झाझेरा
SR No.022129
Book TitleJain Siddhant Prakaran Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherAjramar Jain Vidyashala
Publication Year1928
Total Pages242
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy