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मनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र२०४ पल्योपमादीनां औपमिकप्रमाणनिरूपणम् २५५ पलिओवमे खेत्तपलिओवमे य। से कि तं उद्धारपलिओवमे ? उद्धारपलिओवमे दुविहे पण्णत्ते, तं जहा-सुहमे य वावहारिए य। तत्थ णं जे से सुहुमे से ठप्पे। तत्थ णं जे से वावहारिए से जहा नामए-पल्ले सिया, जोयणं आयामे विक्खंभेणं, जोयणं उड़े उच्चत्तेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं। से णं पल्ले“एगाहिय बेयाहिय तेयाहिय जाव सत्तरतरूढाणं । संसहे संनिचिए, भरिए वालग्गकोडी]" ॥१॥ ते णं वालग्गा नो अग्गी डहेजा नोवाऊहरेज्जा, नो कुहेजा नो पलिविद्धंसिज्जा, णो पूइत्ताए हवमागच्छेजा। तओ णं समए समए एगमेगं वालगं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खोणे नीरए निल्लेवे निहिए भवइ, सेतं वावहारिए उद्धारपलिओवमे । “एएसिं पल्लाणं कोडाकोडी हवेज दसगुणिया। तं वावहारियस्स उद्धारसागरोवमस्स एगस्स भवे परिमाणं ॥१॥” एएहिं वावहारियउद्धारपलिओवमसागरोवमेहि किं पओयणं?, एएहिं वावहारियउद्धारपलि
ओवमसागरोवमेहि णस्थि किंचिप्पओयणं, केवलं पण्णवणा पण्णविजइ। से तं वावहारिए उद्धारपलिओवभे। से किं तं सुहुमे उद्धारपलिओवमे ?, सुहुमे उद्धारपलिओवमे-से जहा नामए पल्ले सियाजोयणं आयामविक्खंभेणं, जोयणं उव्वेहेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं। से णं पल्ले-"एगाहिय वेयाहिय तेयाहिय जाव सत्तरतरूढाणं। संमटे संनिचिए भरिए वालग्गकोड़ीण॥१॥ तत्थ णं एगमेगे वालग्गे असंखिजाइं खंडाई
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