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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १५४ योग और साधना मेहनत करने के पश्चात भी जब पुलिस कोई खबर नहीं ले सकी तब वह पीटर के 'पास उस पतले से कपड़े को लेकर पहुंची। मेहनताना तय हुआ। उस पुराने ग्रले कपड़े की जरा सी चिती को उसने अपने हाथ में लिया तो वह क्या देखता है, कि 'एक नाटा सा भूरे रंग के उलझे-उलझे बालों वाला व्यक्ति अमूक रेस्तरां की तीसरी मंजिल पर अमुक नम्बर की सीट पर काफी पी रहा है। उसकी टेबल पर और भी एक व्यक्ति बैठा है लेकिन लगता है कि उससे उसका कोई सम्बन्ध नहीं है । उसने पीली शर्ट पहन रखी है। पुलिस फोरन हरकत में आ गई। उन्होंने वायरलेस करके अगले पांच मिनट में ही पीटर हारकोस द्वारा बताए गए हुलिए के व्यक्ति को वहाँ पा लिया, लेकिन बिना किसी शंका अथवा सबूत के उसे कैसे गिरफ्तार किया जावे । समय कम था, इसके अतिरिक्त वह काफी पीकर उठने ही वाला। उसको केवल पूछताछ करने के उद्देश्य से थाने लाया गया। वहाँ पुलिस की पूछपाछ के सामने वह सब कुछ कबूल कर गया। जिस कपड़े से उसने फंदा बनाया, गला 'घोंटने के लिए वह भी उसने बाद में बरामद करा दिया। इसी तरह की जाने कितनी घटनायें उसकी जिन्दगी से जुड़ी हैं। बम्बई में किसी उद्योगपति का लड़का खो गया। लगभग छः महीने तक उन्होंने खूब तलाश किया, सारे हिन्दुस्तान में ढूंढ़ मारा लेकिन उसके माता-पिता को कोई सफलता हाथ न लगी। उन्होंने सोचा या तो वह मर गया अथवा उसे कोई हिन्दुस्तान से बाहर ले गया । जब हिन्दुस्तान से बाहर खोजने की बात आयी, तब समस्या आई कि बिना सुराग के उसे वे कौन से देश में ढूंढ़ें। इस बात पर उनके किसी मित्र ने उन्हें पीटर हारकीस का नाम सुझाया और बोला, “उस लड़के की कोई व्यक्तिगत चीज उसके पास भेज दी जाये तो वह निश्चित रूप से बता देया कि वह लड़का इस समय कहाँ है ? हिन्दुओं में प्रत्येक लड़के का मुण्डन संस्कार होता है । जिसके तहत बच्चे के पांच साल तक शुरू-शुरू में आये बालों को अपने कुल देवता के समक्ष जाकर कटवाते हैं। बहुत से व्यक्ति उन्हें वहीं छोड़ आते हैं जबकि कुछ लोग हिफाजत से अपने घर लाकर रखते हैं। उस खोये हुए लड़के के बाल इत्तफाक से सुरक्षित रूप से उनके घर में रखे हुए थे। उन्होंने डाक द्वारा अपने मित्र के जरिए वे बाल तथा दस हजार रुपये समतुल्य के अमरीकी डालर भेज दिए । इनके पत्र के भेजने की तारीख से पन्द्रह दिन बाद ही जबाव आ गया कि आप अपने लड़के को बम्बई में ही फलां सर्कस से ले लें । वह अभी एक महीने और बम्बई में रहेगा । उसके बाद वह सर्कस सुदूर पूर्व की यात्रा पर निकल जाएगा। For Private And Personal Use Only
SR No.020951
Book TitleYog aur Sadhana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShyamdev Khandelval
PublisherBharti Pustak Mandir
Publication Year1986
Total Pages245
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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