________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Sh Kalassagarsun Gyarmandie व्याख्याप्राप्तिः // 931 // 151 उद्देशा C-11-20k ते स्पर्श रहित छे. [प्र०] हे भगवन् ! शुं ते (उत्पलना) जीवो उच्छ्वासक (श्वास लेनारा) छे, निःश्वासक (श्वास मूकनारा) छ क अनु / च्वासक-निःश्वासक (श्वास नहि लेनारा अने नहि मूकनारा) होय छे?[उ.] हे गौतम!१कोई एक उउघड्यासक छे, 2 कोई||११शतक एक निःश्वासक छे, अने 3 कोई एक अनुच्छवासकनिःश्वासक पण छे. 4 अथवा अनेक जीवो उच्छ्वासक छ, 5 अनेक निःश्वासक छ, अने 6 अनेक अनुच्छ्वासक-निःश्वासक पण छे. 1-4 अथवा एक उच्छ्वासक, अने एक निश्वासक छे. 5-4 अथवा एक // 931 // | उच्छ्वासक अने एक अनुच्छ्वासक नि:श्वासक. छ, १-अथवा एक निःश्वासक अने एक अनुच्छ्वासक-नि:श्वासक छ, १-दा अथवा एक उच्छ्वासक, एक निःच्छ्वासक अने एक अनुच्छ्वासकनिःश्वासक छे.-ए प्रमाणे आठ भांगा करवा. ए सर्व मळीने | छडीश मांगा थाय छे. ते णं भंते! जीवा किं आहारगा अणाहारगा, गोयमा नो अणाहारग* आहारण वा अणाहारए वा एवं अट्ट भंगा 17 / ते णं भंते ! जीवा किं विरता अविरता बिरताविरता?, गोयमा! नो विरता नो विरयाविरया अविरए वा अविरया वा 18 ते णं भंते ! जीवा किं सकिरिया अकिरिया ?, गोयमा! नो अकिरिया, सकिरिए वा सकिरिया वा 19 / ते णं भंते ! जीवा किं सत्तविहबंधगा अट्टविहबंधगा,, गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा अट्ट भगा 20 / ते णं भंते ! जीचा किं आहारमन्नोवउत्सा भयसन्नोवउत्ता मेहुणसनोवउत्ता परि-2 ग्गहसन्नोवउत्ता', गोयमा! आहारसन्नोवउत्ता वा असीती भंगा 21 / [प्र.] हे भगवन् ! शुं ने (उत्पलना) जीवो आहारक छे के अनाहारक छ ? [उ.] हे मौतम! तेओ सपळा अनाहारक नथी, 454597 ANS% KNOW For Private and Personal Use Only