________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir सिंहासनो इन्द्रना समान नामे जाणवां, वकी सर्व पूर्वनी पेठे जाणवू. चदस्स ण भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरन्नो पुच्छा, अजो चत्तारि अग्गमहिसी पन्नत्ता, तंजहा-चंदप्पभा व्याख्यादोसिणाभा अचिमाली पभंकर एवं जहा जीवाभिगमे जोइसियउद्देसए तहेव, सूरस्सवि सुरप्पभा आयवाभा १०तके प्रासि अचिमाली पभंकरा, सेसं तं चेव, जहा (जाव) नो चेव ण मेहुणवत्तियं / इंगालस्स णं भंते ! महग्गहस्सा उऐशा५ // 919 // कति अग्गः पुच्छा, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसी पन्नत्ता, तंजहा-विजया वेजयंती जयंती अपराजिया, I // 919 // तस्थ णं एगमेगाए देवीए सेसं तं चेव जहा चंदस्स, नवरं इंगालवडेंसए विमाणे इंगालगंसि मीहादोसणंसि सेसं तं चेव, एवं जाब वियालगस्सवि, एवं अट्ठासीतीएविमहागहाणं भाणियब्वं जाव भावके उस्स, नवरं वडेंसगा सीहासणाणि य सरिसनामगणि, सेसं तं चेव / सक्कस्स णं भंते! देविंदस्म देवरन्नो पुच्छा, अनो। अट्ट अगमहिसी पन्नत्ता, तंजहा-पउमा सिवा सेया अंजू अमला अच्छरा नवमिया रोहिणी, तत्थ ण पगमेगाए18 | देवीए सोलस सोलस देविसहस्सा परिवारो पन्नत्तो. पभू ण ताओ गगमेगा देवी अन्नाई सोलस देविसहस्सपरि| यारं विउब्धित्ता, एवामेव मपुवावरेणं अट्ठावीसुत्तरं देविसयमहस्म परियारं विउब्वित्तए, सेत्तं तुहिए। [प्र०] हे भगवन् ! ज्योतिष्कना इन्द्र अने ज्योतिष्कना राजा चन्द्रने केटली पट्टराणीओ कही हे ? [उ०] हे आर्य ! तेने चार द्रा पट्टराणीओ कही बे, ते आ प्रमाणे-चन्द्रप्रभा, ज्योत्स्नाभा. आर्चाली अने प्रभंकरा-इत्यादि जेम जीवाभिगमसूत्रमा ज्योतिष्कना उद्दे शकमां का छे तेम जाणवू. सूर्यसंबन्धे पण यधुं तेमज जाणवू. सूर्यने चार पट्टराणीओ छे, ते आ प्रमाणे-सूर्यप्रभा, आतपाभा, leoC5445e4:12% For Private and Personal Use Only