________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir व्याख्या-1 प्रति 889 // प्र०] हे भगवन् ! ए दश दिशाओनां केटलां नाम कयां छे ? (उ०] हे गौतम ! दश नाम कहां छे. ते आ प्रमाणे-१ एन्द्री (पूर्व), आग्नेयी (अग्नि कोण), 3 याम्या (दक्षिण), 4 नैऋती (नैतकोण), 5 वारुणी (पश्चिम), 6 वायव्य, 7 सोम्या (उत्तर),८ १.शतके ऐशानी (ईशान कोण), 9 विमला (उर्ध्व दिशा), अने 10 तमा (अधो दिशा). ए दिशाना नामो अनुक्रमे जाणवां. [प्र०] हे भग Pउद्देशन वन् ! ऐन्द्री (पूर्व) दिशा शु१जीवरूप छे, 2 जीवना देशरूप ले के जीवना प्रदेशरूप छे ? अथवा 1 अजीवरूप छे, 2 अजीवना देशरूप छे के 3 अजीवना प्रदेशरूप छे ? [उ.] हे गौतम ! ऐन्द्री दिशा जीवरूप छे-इत्यादि पूर्व प्रमाणे यावत् अजीवप्रदेशरूप पण 1889 // छे. तेमा जे जीवो छे ते अवश्य एकेन्द्रिय, बेइन्द्रिय, यावत् पंचेन्द्रिय, तथा अनिन्द्रिय (सिद्धो) छे. जे जीवना देशो छे ते अवश्य एकेन्द्रिय जीवना देशो छे, यावद् अनिद्रिय-मुक्तजीवना देशो छे. जे जीवप्रदेशो छे ते अवश्य एकेन्द्रिय जीवना प्रदेशो छे, चेहन्द्रियजीवना प्रदेशो छे, यावद अनिन्द्रिय (मुक्त) जीवना प्रदेशो छे. वळी जे अजीबो छे ते ये प्रकारना कबा छे, ते आ प्रमाणे-एक रूपिअजीव अने अरूपिअजीव. तेमां जे रूपिअजीवो छे ते चार प्रकारना कह्या छे, ते आ प्रमाणे-१ स्कंध, 2 स्कंध देश, 3 स्कंधप्रदेश अने 4 परमाणु पुगल. तथा जे अरूपिअजीवो छे ते सात प्रकारना कह्या छे, ते आ प्रमाणे-१ नोधर्मास्तिकायरूप धर्मास्तिकायनो देश, 2 धर्मास्तिकायनो प्रदेशो, 3 नोअधर्मास्तिकायरूप अधर्मास्तिकायनो देश, 4 अधर्मास्तिकायना प्रदेशो, 5 नो आकाशास्तिकायरूप आकाशास्तिकायनो देश, 6 आकाशास्तिकायना प्रदेशो, अने 7 अद्धासमय (काल). अग्गेई णं भंते ! दिसा किं जीवा जीवदेसा जीवपएसा? पुच्छा, गोयमा! णो जीवा जीवदेसावि 1 जीवपएसावि 2 अजीवावि 1 अजीवदेसावि 2 अजीवपएसावि 3, जे जीवदेसा ते नियमा एगिदि CRIMACARABANK For Private and Personal Use Only