________________ Shri Mahawan Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandie |१०शक्षके प्राप्तिः यदेसा अहवा एगिंदियदेसा घ बेइंदियस्म देसे 1 अहवा एगदियदेसा य बेइंदियस्स देसा 2 अहवा एगिदियव्याख्या-13 देसा य बेइंदियाण य देसा 3 अहवा एगिदियदेसा तेइंदियस्स देसे एवं चेव तियभंगो भाणियब्वो एवं जाव अणिदियाण तियभंगो, जे जीवपएसा ते नियमा एगिदियपएसा अहवा एगिदिषपएसा य बेइंदियस्स पएसा उद्देश // 890 // अहवा एगिदियपदेसा य बेइंदियाण य पएसा एवं आइल्लविरहिओ जाव अणिवियाण, जे अजीवा ते दुविहा | 21601 3] पन्नत्ता,तंजहा-रूविअजावा य अरूवीअजीचा य. जे रूवीजीवा ते चउम्बिहा पन्नत्ता, तंजहा-खंधा जाव परमा|णुपोग्गला 4, जे अरूवी अजीवा ते सत्तविहा पन्नत्ता, तंजहा नोधम्मत्यिकाए धम्मत्थिकायस्स देसे धम्मस्थि| कायस्स पएसा एवं अधम्मत्यिकायस्सवि जाव आगासत्थिकायस्स पएसा अद्धासमए / विदिसासु नत्थि जीवा देसे भंगो य होड सब्वस्थ / / जमा णं भंते ! दिसा किं जीवा जहा इंदा तहेव निरवसेसा, नेरई य जहा अग्गेयी, वारुणी जहा इंदा,वायवा जहा अग्गेयी, मोमा जहा इंदा, ईसाणी जहा अग्गेयी, विमलाए जीवा जहा अग्गेयी, है अजीवा जहा इंदा, एवं तमाएवि, नवरं अरूबी छब्बिहा, अद्धासमयो न भन्नति // ( सूत्रं 394) (म०] हे भगवन् ! आग्नेयी दिशा (अग्निकोण) अ॒१ जीवरूप ने, 2 जीवदेशरूप छे के 3 जीवप्रदेशरूप छे--इत्यादि प्रश्न करवो. [उ०] हे गौतम ! 1 नोजीवरूप जीवना देश अने 2 जीवना प्रदेशरूप छे, 3 अजीवरूप के, 4 अजीवना दंशरूप के अने है| अजीवना प्रदेशरूप पण छे. तेमा जे जीवना देशो के ते अवश्य एकेन्द्रिय जीवना देशो छ, 1 अथवा एकेन्यिोना देशो अने* बेइन्द्रयजीवनो देश , 2 अथवा एकेन्द्रियोना देशो अने बेइन्द्रियना देशो छे; 3 अथवा एकेन्द्रियोना देशो अने बेइन्द्रियोना देशो e For Private and Personal Use Only