________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsun Gyanmandir ARTICS भंते ! दसण्हं दिसाणं कति णामधेजा पण्णत्ता', गोयमा! दस नामचेज्जा पण्णत्ता, तंजहा-इंदा 1 अग्गेयी 2 जमा य३ नेरती४ वारुणी५ य वायव्वाद। सोमा७ ईसागी य८ विमला या९ तमा य१० बोद्धव्वा // 1 // (62320) व्याख्याइंदा ण भंते ! दिमा किं जीवा जीवदेसा जीवपएसा अजीवा अजीवदेसा अजीवपएसा?, गोयमा! जीवावि 3 १०सके प्राप्ति तं चेव जाव अजीवपएसावि, जे जीवा ते नियमा एगिदिया बेइंदिया जाव पंचिंदिया अणि दिया, जे जीवदेसा* उद्देश 1&cal ननियमा पगिदियदेसा जाव अणिदियदेसा, जे जीवपरसा ते एगिंदियपएसा वेइंदियपएसा जाव अणिदियप-18 11888 // एमा, जे अजोचा ते दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-रूवी अजीवा य अरूवी अजीचा य, जे रूवी अजीवा ते चउविहा पन्नत्ता, तंजहा-खंधा 1 वधदसा 2 खंधपएसा 3 परमाणुपोग्गला 4, जे अरूवी अजीबा ते मत्तविहा तेपत्ता, | तंजहा-नोधम्मस्थिकाए धम्मस्थिकायस्स देसे धम्मस्थिकायस्सपएसा नो अधम्मस्थिकाए अधम्नस्थिकायस्स देसे अधम्मत्धियस्स पएसा नोआगासथिकाए आगामत्थिकायस्स देसे आगासन्धिकायस्स पएसा अद्धासमए॥ [प्र.] राजगृह नगरमां (गौतम) यावत् आ प्रमाणे बोल्या-हे भगवन् ! आ पूर्व दिशा ए शु कहेवाय हे ? [उ०] हे गौतम! |ते जीवरूप अने अजीवरूप कहेवाय के. [प्र०] हे भगवन् ! आ पश्चिम दिशा ए शुं कहेवाय छे ? [उ०] हे गौतम ! पूर्वनी पेठे जाणवू. ए प्रमाणे दक्षिण दिशा, उत्तर दिशा, ऊर्वदिशा, अने अधोदिशा संबन्धे पण जाणवू. [प्र०] हे भगवन् ! केटली दिशाओ 8|कही छे ? [उ.] हे गौतम ! दश दिशाओ कही नेते आ प्रमाणे-१ पूर्व, 2 पूर्वदक्षिण (अग्नि कोण), 3 दक्षिण, 4 दक्षिणपश्चिम का(नैर्ऋत कोण), 5 पश्चिम, 6 पश्चिमोत्तर (वायव्य कोण), " उत्तर, 8 उत्तरपूर्व (ईशान कोण), 9 ऊर्ध्व अने 10 अधो दिशा. - For Private and Personal Use Only