________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir ध्याख्या 11884|| CAKACAN इत्यादि उपसंहार जाणवो. [40] हे भगवन् ! कोई पुरुष बीजा पुरुषने हणतो शु पुरुषना वैरथी बन्धाय के नोपुरुषना (पुरुष शिवाय बीजा जीबोना) वैरथी बन्धाय ? [उ०] हे गौतम! ते अवश्य पुरुषना वैरथी बन्धाप, 1 अथवा पुरुषना वैरथी अने नोपुरुषना वैरथी | बन्धाय, 2 अथवा पुरुषना वैरथी अने नोपुरुषना बैरोधी बन्धाय. ए प्रमाणे अश्वसंबन्धे अने यावत् चिल्ललक संबन्धे पण जाणवू. ९खके | यावत् अथवा चिल्ललकना वैरथी अने नोचिल्ललकना बैरोथी बन्धाय. [प्र०] हे भगवन् ! ऋषिनो वध करनार पुरुष शुं ऋषिना | उद्देश |वन्थी बन्धाय के नोऋषिना वैरथी बन्धाय ? [उ.] हे गौतम ! ते अवश्य ऋषिना वैरथी अने नोऋपिना वैरोथी बन्धाय. // 391 / / || 11884 पुढविकाइया णं भंते ! पुढ विकायं चेव आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा ?, हता *गोयमा पुढविकाइए पुढविकाइयं चेव आणमंति वा जाव नीससंति वा / पुढवीकाइगणं भंते ! आउकाइयं आ णमंति वा जाब नीससंति ?, हंता गोयमा ! पुढविक्काइए आउक्काइयं आणमंति वा जाव नीससंति बा, एवं तेउकाइयं बाउक्काइयं एवं वणस्सइकाइयं / आउक्काइए णं भंते ! पुढवीकाइयं आणमंति वा पाणमंति वा, एवं चेव, / आउकाइए ण भंते! आउक्काइयं चेव आणमंति वा, एवं चेव, एवं तेउवाऊबणस्सइकाइयं / तेउकाइए णं भंते ! | पुढविकाइयं आणमति वा?, एवं जाव वणस्मइकाइए णं भंते वणस्सइकाइयं चेव आणमंति वा तहेव | पुढविकाहए ण मंते ! पुढविकाइयं चेव आणममाणे वा पाणममाणे वा ऊससमाणे वा नीससमाणे वा कइकिरिए,गोयमा! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिण, पुढविकाइए णं भंते ! आउकाइयं आणममाणे वा०१ एवं चेव, | एवं जाव वणस्सइकाइयं, एवं आउकाइएणचि सब्वेवि भाणियब्बा, एवं ते उक्काइएणवि, एवं वा उक्काइएणवि, जाव 499656 For Private and Personal Use Only