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भाषांतर अध्ययन८
LE| शतचौरा अपि प्रतिबुद्धाः प्रव्रजिताश्च ॥ इति कापिलीयमध्ययनष्टमं संपूर्णम् ॥ उत्तराध्ययन सूत्रम् इति श्रीमदुत्तराध्ययनसूत्रार्थदीपिकायामुपाध्यायश्रीलक्ष्मीकीर्तिगणिशिष्यश्रीलक्ष्मीवल्लभगणिविरचितायां
Isal कापिलिकाध्ययनस्यार्थः संपूर्णः ॥ श्रीरस्तु ॥ ॥४५ ॥
इत्यादि कपिलो- दोधक सांभळी त्यां केटलाक चोर प्रथम दोधकथीज प्रतिबुद्ध थया, केटलाक बोजा दोधकथी; एम पांचसोय चोर पतिबुद्ध थइ मनजित दीक्षित यया. एम आ आठमुं कपिलीयाध्ययन पूर्ण थयु.
इति श्री उत्तराध्ययनसूत्रना-श्री लक्ष्मीकीतिगणिना शिष्य श्री लक्ष्मीवल्लभगणिए विरचित्त अर्थदीपिकावृत्तिमां कापिलिक JE अध्ययननो अर्थ पूर्ण थयो.
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