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तुलसी शब्द-कोश
कुभाग्य : दुर्भाग्य । मा० ६.६४.५ कुभामिनी : दुष्ट स्त्री गी० २.३६.४ कुभायें : (दे० भायें, भाय) । दुर्भावना से, कलुष भाव के साथ। 'भायें कुभायं __ अनख आलसहूं।' मा० १.२८.१ कुभोग : कलुषित भोग, पापवासनापूर्ण विषयविलास । मा० ७.१४ छं० ४ कुमंत : कुमन्त्र । 'कंत बीस लोचन बिलोकिए कुमंत फलु । कवि० ६.२७ कुमंत्र : (१) पापपूर्ण मन्त्रणा, नीति विरुद्ध मन्त्र । 'कीन्ह कुमंत्र कुठाटु ।' मा०
२.२६५ (२) अभिचार मन्त्र, मारण आदि के प्रयोग का तालिका मन्त्र । कुमंत्रिन : कुमंत्री+संब० । दुष्ट मन्त्रियों। 'कह्यो कुमंत्रिन को न मानिये ।' गी०
५.१२.४ कुमत्रु, त्रू : कुमंत्र+कए । (१) कलुषित मन्त्रणा, षड्यन्त्र । करि कुमंत्रु मन
साजि समाजू ।' मा० २.२२८.५ (२) मारण आदि का ताकि अभिचार-जप।
'गाडि अवधि पढ़ि कठिन कुमंत्रू ।' मा० २.२१२.४ कुमग : (दे० मग) कुमार्ग, कुपथ । मा० २.३१५.५ कुमत : कलुषित मत, अशुभ विचार, अमाङ्गलिक अभिप्राय । 'मातु कुमत बड़ई
अघमूला ।' मा० २.२१२.३ कुमति : कुबुद्धि । (१) कलुषित बुद्धि, पापबुद्धि । 'सुमति कुमति सब के उर
रहहीं।' मा० ५.४०.५ (२) पापबुद्धि वाला-वाली । 'कुमतिहि कसि कुबेषता
फाबी । मा० २ २५.७ कुमयाँ : (दे० मया) कलुषित ममता से, छलपूर्ण आत्मीयता से । 'कुमयाँ कछु
हानि न औरन की।' कवि० ७.४७ कुमाच : सं० (तुर्की-कुमाच=मोटी रोटी; सं० कुम्बा = पेटीकोट जैसा परिधान
विशेष) । दुसाला, रेशमी वस्त्र (?) 'काम जु आवै कामरी का लै करिअ
कुमाच ।' दो० ५७२ कुमात : कुमातु । गी० २.६५.२ कुमाता : दुष्ट माता ने । 'साइँ-द्रोह मोहि कीन्ह कुमाता ।' मा० २.२०१.६ कुमरतु : दुष्ट माता, पुत्र का कष्ट न समझने वाली मां । २.१८३ कुमार (रा) : सं०० (सं०) । (१) पांच वर्ष का बालक । ‘भए कुमार जबर्हि
सब भ्राता ।' मा० १.२०४.३ (२) बालक, पुत्र (राजकुमार)। 'एक राम अवधेस-कुमारा ।' मा० १.४६.७ (३) कार्तिकेय । 'तब जनमेउ षटबदन
कुमारा।' मा० १.१०३.७ कुमारग : कुपंथ । मा० ३.४६.६