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नक्षत्र ( णक्खत्त ) - ज्योतिषी देव १-१४ नन्दिमित्र ( दिमित्त ) - ७ वे बलदेव १-५२ नन्दी (णंदी) - ६ ठे बलदेव १-५२ नपुंसक वेद (षंढ ) - १२-२१ नमि ( णमि ) - २१ वें तीर्थकर १-४८ नमोकार पंच ( णवकार पंच ) - सामायिकोचित भाव ३-२१ नय (णय ) - १४-१; १५-२ नय-विषय (णयविसय)- १४-३ नरकबिल (णिरय-) - नारकी जीवों के स्थान १-१० नरकायु ( नेरइय ) -आयु कर्म का भेद १०-१२ नरवाहन (णरवाहण ) - राज्यकाल ४० वर्ष १-७३ नाभिराय - १४ वे कुलकर व मनु १-४३; पृष्ठ ७ टि. नामकर्म ( -कम्म) - दो प्रकार का १०-१३ नामनिक्षेप - निक्षेप-भेद १६-३ नामसत्य - १२-१५ नारक ( णारय-) -- गतिभेद १२-३ नारायण - ७ वे नारायण १-५३; हरि ७-९ नालिका ( नाली ) - मुनि के लिए वर्ण्य ४-४ निक्षेप (णिक्खेव ) - चार प्रकार का १६-१ निगोद ( णिगोए ) - जीव भेद, साधारण जीव ७-४१ नित्यक ( नियाग) - मुनि के लिए वर्ण्य भोजन ४-२ निदान ( णियाण ) - तप के फल की वांछा ७-३३
- आर्तध्यान का भेद १३-७ निद्रा (निदा ) - दर्शनावरण कर्म का भेद १०-५
- प्रमाद भेद ११-१६ निद्रानिद्रा ( निद्दानिद्दा ) - दर्शनावरण कर्म का भेद १०-५ निन्दा ( जिंदा ) - सम्यक्त्व का तीसरा गुण ३-६ निराकार स्थापना (-ठवणा ) - १६-५ निग्रंथ (निग्गंथ )-४-१
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