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वर्णबीजकोषः
अर्थ दक्षिणहस्तग:-श दक्षिणांशग:-र दक्षिणाकाली-ठ दक्षिणांगुलिमूलग:-घ दक्षिणांगुल्यग्रः-ङ दक्षिणीदक्षिणोख:-झ दण्ड:-(अं)।नमः दण्डन:-द दण्डविधायक:-ढ दण्डिनी-ख दण्डी -(अं)थि दण्डीश:-थ दण्डोदरी-ल दण्डय:-(अं) दनुजः-ल दनुजप्रभुः-लू दनुजातीश:-ख दन्तः -द दन्तनामा-ॐ दस्तान्त:-ऐ दस्ताबल:-क्रौं दन्तिका-घ
वर्ण-घ दन्तिशोषविभेदन:-क्रों दन्ती-क्रा दन्तुरः-दान दमा-द दमुना-रार दया-ऋजाद
शब्द अर्थ शब्द
अथ दर्दुर:-म
दिवानाथ:-क दर्प:-हूं
दिवौका-क्ष दर्पक:-इकाक्लीं दीन:-द दर्शक:-ओ
दीनद:-ध दर्शनम्-धाच
दीपिका-उकाऋाए दर्शविपत्-पोछासाद्रों दीप्त:-म दशमो-ल
दीप्ता-र दशाश्व:-ऐसिद्रिा दीप्ति:-लाम दहन:-नारगर
दीर्घ:-आ।ई। (अं)न दाक्षायणी-उाद दीर्घघोरणा-उऊ दात्री-द
दीर्घजिह्वा-लान दानम्-णादार
दीर्घतनुच्छद:-हूं दानवेज्य:-व्रोम्
दीर्घद्रोणा-न दान्त:-घाध
दीर्घनासावती-ओ दामोदरः-आउक्लिीं दीर्घप्रणव:-औम् दारक:-ड
दीर्घबाहुः-छाम दारद:-रूँ
दीर्घबाहुकः-चाज दारुणा-(अं)
दीर्घमारुत:-क्रो दाव:-रार
दीर्घमुखी-ऋऋ दाशाह:-आउाक्लों दीर्घवक्त्रा-औ दाहः-शर
दोघंबाहा-ज दिक-झ
दीर्घसूः-भ दिगम्बर:-ए।खागासाह दीर्घा-अाइ।ठान दिगम्बरा-ओघि
दीर्घायु:-ऊोक दिति:-छाचाल
दीर्घास्यवृत्तक:-आ दिनकर:-म
दोर्ची-आ दिनमणि:-म
दोघेश:-ऊ दिनरूपा
दुर्ग-ख दिवस्पति:-म
दुर्गनिवासिनी-ओ दिवाकरः-ए।थाम दुर्गा-आऐग (अं)।खादोध
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