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अर्थ
शब्द
अर्थ
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वर्णबीजकोषः शब्द
अर्थ शब्द त्रिबिन्दुः-छ
त्रैलोक्यमोहन:-वली त्रिमातृका(क:)-आ त्रैलोक्यविजया-ओ त्रिमात्र:-ॐ
त्र्यैलोक्यविद्या-घाङ त्रिमात्रा-का
त्रैलोक्यहर्ता-घ त्रिमूत्ति:-इक्लीं
त्र्यक्ष:-ॐ त्रिमूर्तीश:-ई
त्र्यक्षर-* त्रियात्रकः-ण
ज्य ङ्क:-ॐ विरण्डा-म
त्र्यम्बक:-ए।गासाहाॐ त्रिरामी-थ
त्र्यण:-ॐ त्रिरेख:-ण
त्र्यै गुण्य:-ॐ त्रिलोका-ऋ
त्वक-य त्रिलोकीवश्यकारक:-ख त्वरा-ऐ त्रिलोचन:-ए।ग|चासाच त्वरिता-ऐ त्रिलोचनप्रिय:-भ त्वष्टा-इई। (अ) त्रिलोचना-:(अ:) त्विषाम्पति:-म त्रिविक्र:-उ त्रिवर्णा-द
दंष्ट्रिका-छ त्रिणिका-3
दंष्ट्रिणी-:(अ:) त्रिविक्रमः-आहाऋाए।क्ली दकम्-वावं विवृत्-ॐ
दक्षकटि:-ट त्रिशिख:-ॐ
दक्षकपोल:-लु त्रिशूल:-ओ
दक्षकर्णः-उ त्रिशूली-ज
दक्षकार:-घ त्रिस्रोता:-ए
दक्षकूर्परः-ख पुरकामबीजम्- दक्षगण्ड:-ल
हसक्लरों दक्षगत:-ल 'पुरवाग्भवम्-हसकरें दक्षगुल्फ:-डाध पुरशक्तिबीजम्- दक्षगुल्मग:-ड
. हुसकूलरों दक्षजङ्घा-ओड त्रैलोक्यनसनात्मक:-क्ष दक्षजा-ठ
दक्षजानुः-ए।ठ दक्षजान्वग्रग:-ठ दक्षदारण:-द दक्षनादः-हं दक्षनास:-ऋ दक्षानासाधिप:-थ दक्षनासिका-इ दक्षनेत्रम्-इ दक्षपदाग्रहः-ण दक्षपाद:-ढाणादास दक्षपादग:-ट दक्षपादांगुल:-ट दक्षपाशंगुलि:-ण दक्षपादांगुलिमूलग:-ढ़। दक्षपादादिः-ट दक्षपादामृत:-स दक्षपार्श्व:-पात दक्षबाहु:--क्ष दक्षबाहुमूलम्-के नक्षमखः-ङ दक्षस्कन्ध:-क दक्षस्फिक-ट दक्षहस्त:-स दक्षत-श दक्षा-ए।ऐ दक्षांगुल्यग्रजः-ङ दक्षास्य:-ट दक्षिण:-ऋाक दक्षिणकूपर:-ख दक्षिणबाहुः-क
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