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वर्ण बीजकोषः
अथ
अर्थ
शब्द
अर्थ जरामरः-ख जरायुरूपिणी-:(अ:) जराहरा-ट जलम-ऋऋकाठावास
स्वाहा जलकङ्कः-क्रां जलकाङ्ख:-क्रॉ जलदा-क्लीस्त्रिी जलधि:-रू जलनिधि-रूं जलपीथम्-वावं जलमन्त्र:-वं जलसंज्ञः-वाव जलस्थितिः-झ जलात्मा-ख जलेन्द्र.-बाव जलेशय:-आउक्लीं जलेश्वर:-म जवन:-ज जहनु:-आअक्ली जहुनुकन्या-लु जनुतनया-लू जनुसुता-लू जागरल:-ल जाठर:-माल जाठराग्नि:जातक:-त जातवेदा:-रार जाति:-ज जानः-ए
शब्द
अर्थ जानु:-ऐ।त जानुशक्ति:-ए जाप:-ज जाया-ज जालन्धरपदाधिप:-ग जालन्धरी-ठं जाली-र जादवी-ल जितामित्र:-आउावली जितेन्द्रिय:-द जिन:-आउाघाक्लीं जिनबोजम्-घ जिष्णु:-आशावली जिह्वा-ई.लाठामाक्री जीमूतः-यावाव जीव:-ठालासाह जीवनम्-ठावासाव जीवप्राणी-हसों जीवात्मा-ल जुहूवार:(ल:)-रार जम्भिणी-ण जेता-ज जैत्रीजवातृकः-प्रासाद्री ज्ञन:-ए ज्ञप्तिग:ज्ञाता-ऐ ज्ञानमज्ञानद:-ग
शब्द ज्ञानपुस्तकधारिणी-ऋ ज्ञानशक्ति:-ए ज्ञानामृतम्-ऐ ज्ञानी-औगाद ज्या -ज ज्येष्ठा-आधि ज्योति:-त्रां ज्योतिर्मन्त्र:-ॐाह्रीं ज्योती:-ौं।ह्रौं ज्योतीरूप:-ॐ ज्योत्स्ना-लाए ज्वलन:-रावार ज्वलनसुन्दरी-स्वाहा ज्वलनाक्षरम्-र ज्वलिनी-ङ ज्वाला-औ ज्वालामालाज्वालामालिनी-ओ ज्वालामाली-आघ ज्वालामुख:-च ज्वालामुखी-इओ ज्वालास्या-ओ ज्वालिनी-आऋाओ
औोछाव ज्वाली-र
॥ झ ॥ झङ्कारिणी-झ झङ्कारी-घाझ झन्झावायु:-झ झण्टी-रस
ज्ञानदान
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