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वर्णबीजकोषा
सक्लरी
शब्द
अर्थ शब्द अर्थ शब्द कलश:-माव काकिनी-ओ
कामधूमक:कलशध्वनिः-ब
काकिनीबीजम्-क कामधेनु:-काकी कलहप्रिया-ज काकोदरः-द
कामध्वजा-लु कलहंसप्रिया-झ काकोदरी-णात
कामनाथ:-उ कला-ई।:(अ:)काछाह्रीं कांक्षा-झ
कामप्रिया-ङ कलात्मा-ठ काण्डम-व
कामबीजम-काक्लीं।क्री कलायं-क्रों
कात्यायनी-द कलानिधि:- सादाँ कान्तः-इ।उालाए।७।का काममर्ता-छ कलापूर्णा-अ:
खागासाक्ली।द्रा काममाता-छ कलामयी-ई
कान्ता-:(अ.)।गास्त्री कामराजः-आक्लिीं कलावती-ऋाकाच कान्ति:--आउ लालाङ कामरूपम्-ऐ कलावाणी-७
फाशाष हाह कामरूप:-आए।काश कलावान्-ए। सादाँ काम्ति गुह्या-ङ
कामरूंपा-काश कलाशक्ति:-क कान्तिदा-घ
कामरूपिणी-क कलिका-ह
कान्तिमान्-झाई।काक्लों । कामरूपी-खाघाश कलोत्तरीय:-ई कान्यकुब्जक:-ऊ कामवर्धन:-इलाक.क्लीं कल्प:-ध्रु
कान्यकुब्जभू:-ऊ कामवाण:-द्रां दीं। कल्पना-ए कापीशम-ॐाब्री
क्लींब्लु।स: कल्पलता
काम:-आइ। (अं)कोछ।ड कामा-क्ष कल्पान्तः-ऋछ।धं
क्षाक्लीं कामाकर्षिणी-अ कल्मषम्-ऋ
कामकूटम्-ऐहसरों कामाख्यः-घ कल्मषा-ल
कामग:-इकाक्लीं कामाख्या-घ कल्याणम्-श
कामगुह्यक:-:(अ:) कामास्त्रम्-ह्रीं कब्याणी-कोख कामगोलक:-उ
कामिकः-त कवचम्-हुं कामध्न-उ
कामी-इ।ऋाकात॥क्लीं कवलकम्-क
कामचार:-ऊकाक्लीं कामुक:-इकाक्लीं कविः-लाहाबौं
कामचारविहारिणी-छ कामिका-कात कविबीजम्-ब्रों
कामदः-आ।इौकाक्लीं कामिनी-आइकाखागास्त्री कवोस्क:-ह कामदा-काछ
कामिनीमध्यकर्णक:-त कव्यवहा-क्ष कामधुक-ष
कामिनीमध्यवर्तकः-त
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