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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वर्णबीजकोषः १२७ शब्द अर्थ शब्द अर्थ शब्द अथ कचङ्गल:-रूं कपालिनी-जा:(अ)।काङ करादिग:-क कचम-ज कपाली-ए।काखाघाटाठ कराल:-आधि कचबीजम्-ऊ कपिल:-राहार कराला-औ कचसू:-अ कपिललोचना-ट करालिनी-आ।इाल। (अं) कच्छप:-वाफ कपिला-टाय कराली-ग कच्छेष्ट:-च कपिलामल:-ह करिणी-ठ कज्जज:-कामक कपिली-ट करी-क्रॉ कटकी-काँ कपीश्वरः-ख करुण:-व कटप्रः-एगासाह कफोणि:-ख करुणा-खाजाह्रीं कटि:-टात कबन्ध:-वाव करुणाकरा-उ कटो-क्रॉ कमठ:-चाफ करेणु:-क्री कट:-इ कमण्डलु: कर्कट:-फ कटकपत्रा-ल कमनु:-ख कर्कशात्माकठिनपृष्ठगः-च कमलम-वावं कर्ण:-उऋ कण्ठः -:(अ.) कमला-इाउलाकाखाश्रीं कर्णदक्ष.-उ कण्ठक:-31:(अ:) कमलाक्षी-स्त्री कर्णबिन्दुः-उ कण्ठेकाल:-ए।गासाह कमलाप्रिया-उ कणिको-क्रॉ कण्ठोष्ठम्-ओ।ओ कमलावती-च कपुरान्तः-ग कदा-घ कमलावेशः-उ कर्तृकाधरा-ज कन्द :-ल कमलासन:-कामाक कबुरम-वाव कन्दर्प.-इ।क क्लीं कमलोद्भव:-कामक कर्बुरा-क कन्दर्यास्त्रम-ऐं कम्बलम्-वावं कर्मजम्-छ कन्धि :-रूँ कर:-(अं)।क कर्मप्रिया-सौ कन्या- (अं) करकम-क्रु कर्मसाक्षी-ल कन्यास्तन:-:(अ:) करका-क्र कर्षिणी-आ।लाओ। कन्यास्तननिभः-:(अः) करटी-क्रॉ क्ल म्-क कपन्धम-वावं करण:-उाओ • कलकण्ट:-स कपदिनी-ऋाबाभ करतल:-ठ कलकण्ठा-ष कपर्दो-ए।ऐ।ओ।गापासाह करभी-क्रॉ . कलत्रम्-छांद कपालः-ल करमूलं-व कलभा-स For Private and Personal Use Only
SR No.020799
Book TitleDictionaries Tantrashastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamkumar Rai
PublisherPrachya Prakashan
Publication Year1984
Total Pages180
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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