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शब्द
ऊर्ध्वकेशी - ए
ऊर्ध्वग:- ए
ऊर्ध्वदन्तः - एओ
उर्ध्वदेवः - अ । उ क्लीं
ऊर्ध्वबीजम् - ऐ
ऊर्ध्वमातृका - औ: ऊर्ध्वमुखा - ऊर्ध्वमुखी ओत
-त
ऊर्ध्वमुखम् -' (अं)
ऊर्ध्वमूर्ति::-ऋ
ऊर्ध्वरेताः - ए। गासह ऊर्ध्ववापी-न
दु
ऊर्ध्वोष्ट - एओ
ऊर्मि:-वाव प्लूं
ऊर्मिमाली - रूँ
ऊर्मी-ब
॥ ऋ ॥
ऋप्रदान
ऋक्य:-अ
ऋक्षम् त्री
-त्रों
अर्थ
ऋच्छम् -
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शब्द
वर्णबीजकोष :
ऋषिकुल्या-ल ऋषिसूदनः
:-ऋ
ऋषीश्वरः-ऊ
ऋष्या-ऋ
॥ ए ॥
एकः -ओ। एककर्तरी-ग
एककृत्--भ
एकदन्तः-ऋ लृ गँ
एकदन्ता-ऋ
एकदृष्टक:- ए
एक नेत्र - छा
एक नेत्रान्त:-ज
एक नेत्रेश्वर:-छ
अर्थ
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शब्द
एकपात्-ऋ । एङ
एकपाद: - ऋ । छाञ । ठाड
एकबुबुद:- (अं)
एकमात्र:-अ
औषधात्मिका- ओ
एकमात्रा-ऊ
एकरुद्र:- औ | ङ
॥ क ॥ कम् - जावा व कंसारातिः - अउ । क्लों कंसारि:- अ || क्लीं
एकरूप :- च
एकवाम: -छ
ऋतम्-वाव
एकशृङ्गः - अ । उ क्लीं
कः - ए
ऋतधामा-क्ली
एका-ज
ककुत्-लाव
ऋद्धि: - ऋालु || खाढाल एकांघ्रि:- ल
ककुद्गतः-लाव
ऋद्धिदा-ए
एकादशी - ए
ऋद्धिराट्-ऋ
ककुद्व्रजः-ल ककुक्ति:
एकाम्र:- लु एकाम्रपीठिका - ल
-क
ऋपुः ऋ
कङ्कणम् - गाव
ऋभुक्षा: - इाल
एतिलकः, एणाङ्क :- ऐं साद्राँ कङ्कली - एागासाह
एलापुरनिवासिनी-ढ
एलापूर:-ढ
॥ ऐ ॥
ऐन्दवम-ऊ
ऐन्दवी-ई
केन्द्रम्-ईर
ऐरावत: - ऐ
ऐश्वरी - उाढ
ऐश्वर्यम् - ऐ
अर्थ
11 BTT ||
ओङ्कारपीठग:-र औषधीशः - या । स । द्राँ
ओष्ठ: - ए| औ ओष्ठनामा-ओ
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औदार्यम्-क्षी ओरस:- ओ